
Muizzu and Modi
India-Maldives: 'इंडिया आउट' के नारे के कारण जीत कर मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति की कुर्सी संभालने वाले मोहम्मद मुइज्जू (Mohamed Muizzu) 6 से 10 अक्टूबर को भारत के दौरे पर हैं। मुइज्जू पांच दिवसीय दौरे पर भारत पहुंचे हैं। उनके साथ 50 सदस्यीय भारी प्रतिनिधिमंडल भी भारत आया है। अहम बात यह है कि मुइज्जू भारत के विमान से ही नई दिल्ली पहुंचे हैं। वे दोपहर 12.06 बजे भारतीय रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले रक्षा अनुसंधान व विकास संगठन के विमान से भारत के लिए रवाना हुए। उनकी इस यात्रा में भारतीय रक्षा मंत्रालय के विमान के इस्तेमाल को लेकर सवाल उठने लगे हैं। यह वही मुइज्जू हैं, जिन्होंने राष्ट्रपति बनते ही भारत से गिफ्ट में मिले डॉर्नियर विमान, एएलएच हेलीकॉप्टर के उड़ान को रोक दिया था और मालदीव के आम लोगों की मेडिकल इमरजेंसी में सहायता करने वाले लगभग सवा सौ भारतीय सैनिकों को भी वापस भेज दिया था।
इस दौरे पर वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात करेंगे, इसके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के साथ द्विपक्षीय चर्चा होगी। इस दौरान, दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय संबंधों के सभी आयामों पर बातचीत होने की उम्मीद है। संभवतः कुछ अहम करारों पर भी सहमति बनेगी। मुइज्जू के भारत दौरे के प्लान में मुंबई और बेंगलूरु भी शामिल हैं, जहां वे एक बिजनेस इवेंट में भाग लेंगे। उनकी चार महीनों में नई दिल्ली की यह उनकी दूसरी यात्रा होगी।
मुइज्जू के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है कि वे उन देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो मालदीव के विकास में अहम भूमिका निभा रहे हैं। यह मुइज्जू का भारत का पहला आधिकारिक दौरा है। वे जून में पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण के दौरान भारत आए थे। उस समय, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का न्योता पा कर और शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर खुशी जताई थी। हाल ही में, मुइज्जू ने अमेरिका की प्रिंस्टन यूनिवर्सिटी में एक संबोधन के दौरान कहा था कि (India-Maldives) उन्होंने कभी भी भारत विरोधी अभियान नहीं चलाया।
पिछले साल सितंबर में हुए चुनावों में मालदीव की जनता ने मोहम्मद मुइज्जू को विजयी बनाया। उस समय, उन्होंने अपने चुनावी प्रचार में वादा किया था कि वे मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को देश से बाहर निकालेंगे। उन्होंने यह बात अपने पहले संबोधन में भी दोहराई। इस बीच, भारतीय स्टाफ जो मेडिकल इमरजेंसी, रेस्क्यू और समुद्री पट्रोलिंग के काम में लगे थे, उनके ट्रांसफर को लेकर दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ताएं हुईं। इसके बाद, भारत ने सैन्य स्टाफ की जगह तकनीकी स्टाफ तैनात किया। यह वह समय था जब दोनों देशों के बीच संबंधों का सबसे असहज दौर चल रहा था।
भारत ने अपनी कूटनीति के जरिए धीरे-धीरे मालदीव के साथ संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाए। पहले मई में मालदीव के विदेश मंत्री मूसा ज़मीर का दौरा हुआ, और उसके बाद सितंबर में विदेश मंत्री एस. जयशंकर के मालदीव दौरे ने संबंधों को सहजता की पटरी पर लौटाया। इसलिए, यह उम्मीद की जा रही है कि मुइज्जू की इस यात्रा के दौरान पर्यटन के अलावा कई अन्य क्षेत्रों में भी भारत और मालदीव के बीच महत्वपूर्ण सहमतियां देखने को मिल सकती हैं।
मालदीव में करीब 29,000 भारतीय रहते और काम करते हैं और इनमें से लगभग 22,000 लोग मालदीव की राजधानी माले में रहते हैं। मालदीव में भारतीयों की एक्सपर्ट कम्युनिटी भी है। इनमें डॉक्टर, टीचर, एकाउंटेंट, मैनेजर, इंजीनियर, नर्स, टैक्नीशियन और वर्कर्स शामिल हैं।
Updated on:
06 Oct 2024 05:56 pm
Published on:
06 Oct 2024 04:01 pm
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