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मिडिल ईस्ट, गैस मार्केट और NRI…वो अहम मुद्दे जिन पर हो सकती है क़तर के PM और प्रधानमंत्री मोदी के बीच बातचीत

Qatar Emir India Visit:कतर के प्रधानमंत्री अमीर तमीम बिन हमद अल थानी की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात दोनों देशों में मधुर रिश्तों का इतिहास लिखेगी।

भारतFeb 17, 2025 / 03:48 pm

M I Zahir

Modi and Thani

Modi and Thani

Qatar Emir India Visit: कतर के प्रधानमंत्री अमीर तमीम बिन हमद अल थानी (Amir Tamim bin Hamad Al Thani) की भारत यात्रा कई मायनों में अहम है। उनकी भारत यात्रा (Qatar Emir India Visit) के दौरान दोनों देशों के बीच कई मुददों व समस्याओं पर बातचीत हो सकती है। ध्यान रहे कि कतर के प्रधानमंत्री 17 और 18 फरवरी को भारत की राजकीय यात्रा पर हैं। इस दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi ) के साथ दिपक्षीय वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे। अमीर के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है, जिसमें मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी और एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल शामिल है। भारत और कतर दोनों ही अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सक्रिय हैं। उनके बीच क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श हो सकता है। दोनों देशों के बीच मध्य पूर्व ( Middle East), गैस मार्केट ( Gas Market) और प्रवासी भारतीयों (NRI) और क्षेत्रीय सुरक्षा (regional security) सहित कई मुद्दों पर बातचीत हो सकती है। बातचीत में आर्थिक, सुरक्षा, सांस्कृतिक और क्षेत्रीय सहयोग से जुड़े विभिन्न पहलू शामिल हो सकते हैं।

कतर की कुल आबादी में से 25 प्रतिशत भारतीय

ध्यान रहे कि यह उनकी दूसरी भारत यात्रा होगी, इससे पहले उनकी पहली यात्रा मार्च 2015 में हुई थी। कतर की कुल आबादी में से 25 प्रतिशत भारतीय हैं। वहां करीब 8 लाख भारतीय रहते हैं। कतर सरकार ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन फिर भी कुछ मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा हो सकती है। कतर में भारतीय समुदाय के अधिकारों और सुरक्षा को लेकर भारत का ध्यान और भी ज्यादा बढ़ सकता है, ताकि भारतीय नागरिकों को बेहतर कामकाजी माहौल मिल सके।

सीरिया और यमन संकट

कतर और भारत दोनों ही मध्य-पूर्व के संघर्षों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए काम कर रहे हैं। इस पर चर्चा हो सकती है कि दोनों देशों की साझेदारी किस प्रकार इन संकटों को हल करने में योगदान कर सकती है।

ग्लोबल गैस मार्केट

प्राकृतिक गैस के वैश्विक आपूर्ति संकट और स्थिरता के मुद्दे पर भी दोनों देशों के बीच चर्चा हो सकती है, विशेषकर जब कतर दुनिया का सबसे बड़ा तरलीकृत प्राकृतिक गैस (LNG) निर्यातक है।

कतर ने पेरिस समझौता, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण

जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण वैश्विक चुनौती बन चुकी है। भारत और कतर दोनों इस क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकते हैं। कतर ने पेरिस समझौते के तहत जलवायु परिवर्तन के खिलाफ कदम उठाए हैं, और भारत के साथ मिलकर पर्यावरण संरक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा सकता है।

कतर व भारत में व्यापार और निवेश सहयोग

कतर और भारत के बीच व्यापारिक संबंधों को और बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है। कतर भारतीय उत्पादों जैसे कृषि, रत्न और आभूषण, चिकित्सा उपकरण और अन्य सामान की आपूर्ति करता है, वहीं भारत कतर से प्राकृतिक गैस, तेल और अन्य ऊर्जा उत्पादों का आयात करता है। कतर की निवेश योजनाओं और भारतीय कंपनियों को कतर में अधिक अवसर देने पर भी चर्चा हो सकती है।

भारत में कतर का निवेश : एक नजर

कतर भारत में अपनी निवेश रणनीतियों को और बढ़ाने का इच्छुक हो सकता है। इस संदर्भ में, निवेश क्षेत्र, विशेषकर इंफ्रास्ट्रक्चर और ऊर्जा सेक्टर में सहयोग बढ़ाने की संभावना है। दोनों देशों के बीच व्यापार समझौतों हो सकते हैं और कतर के लिए भारतीय बाजार में अधिक अवसर पैदा हो सकते हैं। वर्ष 2023-2024 के आंकड़ों के अनुसार, कतर और भारत के बीच व्यापार का कुल मूल्य लगभग 16 अरब अमेरिकी डॉलर (लगभग 1.2 लाख करोड़ रुपये) है।

ऊर्जा, प्राकृतिक संसाधन और नवीकरणीय ऊर्जा

कतर एक प्रमुख ऊर्जा उत्पादक देश है, और भारत इसके ऊर्जा उत्पादों का बड़ा आयातक है। कतर और भारत दोनों ही नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विस्तार के लिए प्रतिबद्ध हैं, और इस दिशा में सहयोग को बढ़ाने के लिए विचार किया जा सकता है।कतर ने अपनी ऊर्जा आपूर्ति वैश्विक स्तर पर विविधता प्रदान करने के लिए भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा दिया है। कतर से भारत को प्राकृतिक गैस और तेल की आपूर्ति बढ़ाने के उपायों पर बातचीत हो सकती है। वहीं दोनों देश सौर और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ा सकते हैं, जो कतर और भारत दोनों के लिए फायदेमंद हो सकता है।

सुरक्षा और आतंकवाद पर सहयोग

भारत और कतर दोनों आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य सुरक्षा मुद्दों पर सहयोग करने में दिलचस्पी रखते हैं। कतर ने हमेशा भारत के आतंकवाद के खिलाफ संघर्ष का समर्थन किया है, और इस संदर्भ में भारत से और सहयोग प्राप्त करने के लिए चर्चा हो सकती है।

कतर व भारत में क्षेत्रीय सुरक्षा पर बात

कतर व भारत दोनों देशों के बीच मध्य-पूर्व और दक्षिण एशिया के सुरक्षा मुद्दों पर साझा चिंताएं हो सकती हैं, जैसे आईएसआईएस, अलकायदा और अन्य आतंकवादी समूहों के खतरे पर बात हो सकती है।

नौकरी और श्रमिक अधिकार

कतर के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा के दौरान प्रवासी श्रमिकों के कामकाजी अधिकारों और शर्तों को बेहतर बनाने के लिए दोहरे देशों के बीच विचार-विमर्श हो सकता है।

सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग

भारत और कतर के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक सहयोग का भी महत्वपूर्ण स्थान है। कतर में भारतीय संस्कृति का प्रभाव बहुत है और भारतीय छात्रों के लिए कतर में शैक्षिक अवसर बढ़ रहे हैं।

सांस्कृतिक व शैक्षणिक मुददे पर बात

दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रमों पर चर्चा हो सकती है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री, कला, संगीत, और नृत्य कार्यक्रमों के आयोजन पर भी ध्यान दिया जा सकता है। कतर में भारतीय शिक्षा संस्थानों और विश्वविद्यालयों की उपस्थिति बढ़ाने और शैक्षिक पाठ्यक्रमों के आदान-प्रदान पर भी बात हो सकती है।

भारत और कतर के राजनयिक संबंधों का इतिहास

भारत और कतर के बीच राजनयिक संबंध बहुत ही मजबूत और गहरे हैं, जो वर्षों से विविध राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, और रणनीतिक सहयोग पर आधारित रहे हैं। इन दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का इतिहास बहुत पुराना है, और पिछले कुछ दशकों में यह संबंध और भी मजबूत हुए हैं। आइए जानते हैं भारत और कतर के बीच राजनयिक संबंधों के कुछ प्रमुख पहलुओं के बारे में। भारत और कतर के बीच आधिकारिक राजनयिक संबंधों की शुरुआत 1970 के दशक में हुई थी, जब कतर ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी। भारत ने कतर को फौरन समर्थन दिया और कतर के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए। इसके बाद से, दोनों देशों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग बढ़ता गया, और कतर ने भारत को एक अहम साझेदार के रूप में देखा।

राजनयिक संबंधों के प्रमुख आयाम

भारत और कतर के बीच सैन्य और सुरक्षा संबंधों में भी मजबूती देखी गई है। दोनों देशों ने आतंकवाद, नशीले पदार्थों की तस्करी और अन्य क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर सहयोग करने का निर्णय लिया है। कतर ने भारतीय सैन्य उत्पादों की खरीद पर भी रुचि दिखाई है, और दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ रहा है। वहीं कतर ने भारत की सुरक्षा नीतियों का सम्मान किया है और आतंकवाद के खिलाफ भारत के प्रयासों का समर्थन किया है।

कतर के साथ आर्थिक और व्यापारिक सहयोग

कतर भारत का एक महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है। कतर भारत को प्राकृतिक गैस, तेल, और अन्य ऊर्जा उत्पादों का आपूर्ति करता है। इसके अलावा, कतर में भारतीय कंपनियाँ भी सक्रिय हैं और भारत से कतर को कृषि उत्पाद, रत्न और आभूषण, चिकित्सा उपकरण, और अन्य सामान निर्यात होते हैं। दोनों देशों के बीच व्यापारिक समझौतों की संख्या बढ़ रही है, और इस सहयोग से दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को लाभ हो रहा है।

कतर में प्रवासी भारतीय समुदाय

कतर में भारतीय प्रवासियों की एक बड़ी संख्या रहती है, जो कतर की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देती है। कतर में भारतीय समुदाय का अस्तित्व कई दशकों पुराना है, और कतर सरकार ने हमेशा भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करने के लिए कदम उठाए हैं। भारत, कतर सरकार से निरंतर संपर्क में रहता है ताकि भारतीय प्रवासियों की स्थिति को बेहतर बनाया जा सके और उनके कल्याण के लिए उपाय किए जा सकें।

राजनयिक मिशन और उच्च स्तरीय वार्ता

कतर और भारत के बीच उच्च-स्तरीय राजनीतिक वार्ता नियमित रूप से होती रहती है। भारत और कतर के बीच कई उच्च स्तरीय दौरे हो चुके हैं, जिनमें दोनों देशों के नेताओं के बीच गहरे वार्ता हुई है। इन वार्ताओं में विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की जाती है। कतर के प्रधानमंत्री और भारत के प्रधानमंत्री ने कई बार आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

महत्वपूर्ण घटनाएं और समझौते

भारत-कतर निवेश समझौता (2020): सन 2020 में भारत और कतर ने दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के संबंधों को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता किया। इस समझौते के तहत, कतर भारतीय निवेशों को प्रोत्साहित करेगा और दोनों देशों के व्यापारिक सहयोग को मजबूत किया जाएगा।

दोनों देशों के बीच राजनयिक संवाद (2021)

भारत और कतर ने 2021 में एक महत्वपूर्ण राजनयिक संवाद स्थापित किया था, जिसमें दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने आपसी संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के लिए कदम उठाने पर सहमति जताई थी। इस संवाद में दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और सुरक्षा मामलों पर भी विचार-विमर्श हुआ था।

ऊर्जा और सुरक्षा क्षेत्र में सहयोग

कतर, भारत को ऊर्जा उत्पादों की आपूर्ति करता है, और इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच सहयोग निरंतर बढ़ रहा है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच सुरक्षा और रक्षा मामलों पर भी विचार-विमर्श होता है, ताकि दोनों देशों को आतंकवाद और अन्य वैश्विक संकटों से निपटने में मदद मिल सके।

वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा

बहरहाल कतर के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत का अवसर प्रदान करती है। इन मुद्दों के माध्यम से दोनों देशों के रिश्ते और भी मजबूत होंगे, और यह सहयोग क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इससे आने वाले समय में, भारत और कतर के बीच इन रिश्तों का और भी विस्तार होने की संभावना है, जिससे न केवल दोनों देशों को लाभ मिलेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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