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अपने ही जाल में फंसे इमरान खान, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा विदेशी हस्तक्षेप के सबूत

पाकिस्तान में अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने के मामले की सुनवाई कर रहे पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से सरकार गिराने में विदेशी साजिश के दावों को साबित करने के लिए ठोस सबूत मांगे हैं।

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Mahima Pandey

Apr 07, 2022

PAK Pm Imran khan trapped in his own trick as SC demand evidences

PAK Pm Imran khan trapped in his own trick as SC demand evidences

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान लगातार ये दावा करते रहे हैं कि उनकी सरकार को गिराने के लिए विदेशी साजिश की जा रही है। इसी द्यावे के आधार पर उन्होंने नैशनल असेंबली में अपने खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव तक को खारिज करवा दिया। इस मामले के कारण पाकिस्तान में सियासी भूचाल को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः इस मामले पर संज्ञान लिया। अब सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान को अपने दावों के लिए सबूत पेश करने हैं परंतु सबूत ही नहीं होंगे तो आखिर इमरान खान क्या करेंगे? विपक्ष की एकजुटता को देखते हुए इमरान खान ने जो प्लान बनाया था शायद अब वो ही इसमें फँसते नजर आ रहे हैं।

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से जो सवाल किये हैं उसका जवाब देना उनके लिए कठिन हो गया है। कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान से पूछा है कि आखिर बिना तथ्यों को पेश किये अविश्वास प्रस्ताव को कैसे खारिज किया जा सकता है? सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान को घिरता देख पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज की मरियम नवाज ने तंज कसा है। उन्होंने कहा कि इमरान सरकार जो जाली खत रैली में लेकर आए थे उन्होंने वो खत जनता को क्यों नहीं दिखाया? ये खत तो उन्हें कोर्ट को भी दिखाना चाहिए था।

बता दें कि 3 अप्रैल को पाकिस्तान की नैशनल असेंबली में डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने अविश्वास प्रस्ताव को 'विदेशी साजिश' बताते हुए संविधान के अनुच्छेद 5 का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था। इसके बाद इमरान खान ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को पाकिस्तान की संसद और सभी विधानसभाओं को भंग करने प्रस्ताव भेजा था जिसे उन्होंने स्वीकार भी कर लिया था।

राष्ट्रपति के इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए संयुक्त विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन उससे पहले ही कोर्ट ने इस मामले पर स्वतः संज्ञान ले लिया था।

बता दें कि संयुक्त विपक्ष जब अविश्वास प्रस्ताव लेकर नैशनल असेंबली में आया तो इमरान खान ने जनसभाओं में जाकर एक खत दिखाते हुए ये दावा किया था कि उन्हें पद से हटाने के लिए विपक्ष ने विदेशी ताकतों से हाथ मिला लिया है। हालांकि, इसको लेकर कोई भी ठोस सबूत देने में वो नाकाम ही दिखे हैं। अब यदि सुप्रीम कोर्ट में उन्होंने ठोस सबूत नहीं दिए तो उनके लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

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