
आईएमएफ ने पाकिस्तान को जून तक कर्ज चुकाने का अल्टीमेटम दिया। (फोटो क्रेडिट:पत्रिका)
IMF Conditions on Pakistan:आईएमएफ ( IMF) ने पाकिस्तान की कमज़ोर अर्थव्यवस्था को बेलआउट (IMF Pakistan bailout conditions) देने के बदले 11 सख्त शर्तें रख दी हैं, और दो टूक कह दिया है-अगर जून तक कर्ज सुधार की दिशा में कदम नहीं उठाए, तो न सिर्फ़ अगली किस्त रुक जाएगी, बल्कि पाकिस्तान के वित्तीय ढांचे की बुनियाद और हिल सकती है। खास बात यह है कि आईएमएफ की रिपोर्ट में भारत-पाक तनाव (India Pakistan financial tensions) को भी आर्थिक जोखिम बताया गया है। इस स्टाफ लेवल रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि भारत-पाक के बीच मौजूदा तनाव (IMF report on India Pakistan conflict) और बढ़ा, तो यह पाकिस्तान के राजकोषीय और सुधार (Pakistan tax reform IMF) लक्ष्यों के लिए बड़ा खतरा बन सकता है। रिपोर्ट ने यह भी स्वीकार किया कि देश में आर्थिक अस्थिरता और गवर्नेंस की खामियों से बेलआउट प्रोग्राम के सफल क्रियान्वयन पर संकट गहरा गया है। समाचार एजेंसी एएनआई ने पाकिस्तान स्थित एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से यह जानकारी दी।
पाकिस्तान केंद्रित आईएमएफ रिपोर्ट में कहा गया है कि उद्यम जोखिम बढ़ गए हैं। इन 11 नई शर्तों में कार्यक्रम लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आईएमएफ स्टाफ समझौते के अनुरूप 2025-26 के लिए 17 लाख 60 हजार अरब रुपये के नए बजट को मंजूरी देना भी शामिल है।
राजकोषीय मोर्चे पर, एक नई शर्त भी लगाई गई है, जिसमें पाकिस्तानी पक्ष से एक व्यापक योजना के माध्यम से नए कृषि आयकर कानूनों को लागू करने के लिए कहा गया है, जिसमें रिटर्न प्रोसेसिंग, करदाता पहचान और पंजीकरण, संचार अभियान और अनुपालन सुधार योजना के लिए एक परिचालन मंच की स्थापना शामिल है। एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने आईएमएफ रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि इसके लिए समय सीमा इस साल जून है।
तीसरी नई शर्त के अनुसार, सरकार आईएमएफ की ओर से गवर्नेंस डायग्नोस्टिक असेसमेंट की सिफारिशों के आधार पर एक गवर्नेंस कार्य योजना प्रकाशित करेगी एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, रिपोर्ट का उद्देश्य महत्वपूर्ण प्रशासनिक कमजोरियों को दूर करने के लिए सुधार उपायों की सार्वजनिक रूप से पहचान करना है।
अगली शर्त में कहा गया है कि सरकार लोगों की वास्तविक क्रय शक्ति बनाए रखने के लिए बिना शर्त नकद हस्तांतरण कार्यक्रम का वार्षिक मुद्रास्फीति समायोजन करेगी। आईएमएफ स्टाफ रिपोर्ट ने पाकिस्तान पर एक शर्त भी रखी कि वह सरकार की 2027 के बाद की वित्तीय क्षेत्र की रणनीति की रूपरेखा तैयार करने और उसे प्रकाशित करने के लिए एक योजना तैयार करे, जिसमें 2028 से आगे के संस्थागत और नियामक वातावरण की रूपरेखा हो । एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा क्षेत्र में चार नई शर्तें लागू की गई हैं।
आईएमएफ ने पाकिस्तान से जुलाई के अंत तक प्रयुक्त मोटर वाहनों के वाणिज्यिक आयात (आरंभ में केवल पांच वर्ष से कम पुराने वाहनों के लिए) पर सभी मात्रात्मक प्रतिबंधों को हटाने के लिए संसद में सभी आवश्यक कानून प्रस्तुत करने को कहा है। इस शर्त को रखने के पीछे तर्क व्यापार को उदार बनाना और वाहनों की सामर्थ्य को बढ़ाना है।
आईएमएफ ने 9 मई को विस्तारित निधि सुविधा (ईएफएफ) ऋण कार्यक्रम (1 बिलियन अमरीकी डॉलर) की समीक्षा की और पाकिस्तान के लिए एक नए लचीलापन और स्थिरता सुविधा (RSF) ऋण कार्यक्रम (1.3 बिलियन अमरीकी डॉलर) पर भी विचार किया। कथित तौर पर, हालिया समीक्षा अनुमोदन से पाकिस्तान के लिए 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर के कार्यक्रम के अंतर्गत 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का वितरण हो गया है।
17.6 ट्रिलियन रुपये का बजट पास करना - 2025-26 के लिए।
कृषि आयकर लागू करने की विस्तृत योजना- पंजीकरण, रिटर्न प्रोसेसिंग आदि सहित।
गवर्नेंस कार्य योजना- IMF की सिफारिशों पर आधारित।
बिना शर्त नकद हस्तांतरण में वार्षिक मुद्रास्फीति समायोजन।
ऊर्जा क्षेत्र के सुधारों से लेकर व्यापार और निवेश नीतियों में ढील तक, रिपोर्ट में 6 और शर्तें जोड़ी गई हैं — जिनमें औद्योगिक पार्कों को मिलने वाली छूट खत्म करने की योजना, और पांच साल से कम पुराने प्रयुक्त मोटर वाहनों पर लगे आयात प्रतिबंधों को हटाने का कानून बनाना शामिल है।
बहरहाल अब पाकिस्तान को जुलाई के अंत तक संसद से कई आर्थिक सुधार कानून पारित कराने होंगे। आईएमएफ ने साफ किया है कि सुधार नहीं हुए तो EFF और RSF दोनों कार्यक्रमों की किस्तें रोकी जा सकती हैं। हालांकि, पाकिस्तान को हाल ही में 7 बिलियन डॉलर प्रोग्राम के तहत 2 बिलियन डॉलर मिल चुके हैं।
Published on:
18 May 2025 09:43 pm
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