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तालिबान मुद्दे पर अमरीका चल रहा दोहरी चाल, पाकिस्तान के साथ भी कर रहा बात

अमरीका तालिबान के मुद्दे पर दोहरी चाल चलता दिख रहा है। एक तरफ अमरीका दुनियाभर में तालिबान के साथ चीन और पाकिस्तान को एक समूह मानते हुए निशाना साध रहा है, तो दूसरी ओर पाकिस्तान के साथ गुपचुप बैठक कर अलग रणनीति बना रहा है।

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नई दिल्ली।

तालिबान के मुद्दे पर अमरीका अलग-अलग चालें चल रहा है। एक तरफ दुनियाभर में वह कार्रवाई की तलवार दिखा रहा है तो दूसरी ओर तालिबान के दोस्त पाकिस्तान के साथ मिलकर गुपचुप रणनीति तैयार करने में जुटा है। इसी क्रम में पाकिस्तानी विदेश मंत्री की अमरीकी राजनयिक के साथ अलग बैठक भी हुई है।

पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र में भाग लेने के लिए अमरीका पहुंचे हैं। महमूद ने अमरीका के शीर्ष राजनयिक एंटनी ब्लिंकन के साथ गुरुवार को इस सत्र से अलग एक बैठक की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बैठक न्यूयार्क शहर के पैलेस होटल में न्यूयार्क के समयानुसार दोपहर एक बजे हुई। दोनों नेताओं के बीच आमने-सामने यह पहली मुलाकात थी।

शाह महमूद कुरैशी ने अफगानिस्तान में एक समावेशी राजनीतिक समाधान के लिए पाकिस्तान की प्रतिबद्धता पर जोर दिया। कुरैशी ने तालिबान को उसकी प्रतिबद्धताओं के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय के महत्व पर जोर दिया और युद्धग्रस्त देश में बढ़ते मानवीय संकट के साथ अफगानिस्तान के लोगों की मदद करने के लिए अपने नैतिक दायित्व को मान्यता दी।

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कुरैशी ने कहा कि दुनिया को अफगानिस्तान से अलग होने की गलती नहीं दोहरानी चाहिए। बैठक के बाद कुरैशी ने कहा कि उन्होंने व्यापार, निवेश, ऊर्जा और क्षेत्रीय संपर्क पर आधारित अमरीका के साथ संबंधों पर पाकिस्तान के ध्यान को दोहराया है। वहीं, ब्लिंकन ने कहा कि हमें बीते कुछ महीनों में फोन पर बात करने के कई अवसर मिले, लेकिन संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान एक दूसरे से रूबरू होने का मौका मिल गया।

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ब्लिंकन ने कहा कि अफगानिस्तान से शुरू होने और इसके महत्व पर ध्यान केंद्रित करने के लिए बहुत कुछ है। हमारे देश मिलकर काम कर रहे हैं और अफगानिस्तान मुद्दे पर लगातार आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान के मुद्दे को दूर नहीं कर सकते। हमें अपने सामान्य मकसद को हासिल करने के लिए सामूहिक रूप से काम करने का एक तरीका खोजना होगा। यह शांति और स्थिरता के लिए उचित होगा।