
पाकिस्तान (Pakistan) में आर्थिक संकट (Economic Crisis) से किसी तरह की राहत नहीं मिल रही है। देश की आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है और यह बात किसी से भी छिपी नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूटी हुई है और देश कंगाली से जूझ रहा है। साथ ही पाकिस्तान में महंगाई भी बहुत बढ़ गई है जिससे जनता भी परेशान है। कंगाली और बेहद कमज़ोर अर्थव्यवस्था के साथ ही पाकिस्तान कर्ज़ में भी डूबा हुआ है। देश में नई सरकार के बनने के बाद भी आर्थिक हालात नहीं सुधरे और अभी भी कंगाली छाई हुई है। ऐसे में पाकिस्तान को एक बार फिर आईएमएफ (इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड – IMF) के सामने हाथ फैलाने पड़े हैं।
मांगे 50 हज़ार करोड़
पाकिस्तान ने हाल ही में एक बार फिर आईएमएफ से बेलआउट पैकेज की मांग की है। पाकिस्तान ने आईएमएफ से 6 बिलियन डॉलर्स (करीब 50 हज़ार करोड़ भारतीय रुपये) मांगे हैं। जानकारी के अनुसार पाकिस्तान को इसी महीने आईएमएफ से यह बेलआउट पैकेज मिल सकता है। इससे पहले भी पाकिस्तान अलग-अलग मौकों पर आईएमएफ से मदद ले चुका है।
बेचनी पड़ रही हैं सरकारी कंपनियाँ
पाकिस्तान में आर्थिक तंगी के चलते सभी सरकारी कंपनियों की बिक्री शुरू हो चुकी है। ज़्यादातर सरकारी कंपनियाँ आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं और इनमें पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइन्स भी शामिल हैं। ऐसे में घाटे में चल रही सभी सरकारी कंपनियों का निजीकरण करते हुए उन्हें बेचने का फैसला लिया जा चुका है और यह शुरू भी हो चुका है। हालांकि पाकिस्तान की रणनीतिक कंपनियों की बिक्री नहीं होगी। इन्हें स्ट्रैटेजिक उद्देश्य से सरकार के ही अंतर्गत रखा जाएगा।
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Published on:
03 Jul 2024 04:25 pm
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