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पाकिस्तानी विचारक ने कहा-भारत की तरह हो शिक्षा, मुल्लाइयत छोड़ने में ही भलाई

Pakistan Education Reform: पाकिस्तान के विचारक परवेज हुदभाय ने भारतीय शिक्षा की तारीफ की है। उन्होंने कहा ​है कि​ मुल्लाइयत छोड़ने में ही भलाई है।

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भारत

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MI Zahir

Jan 27, 2025

Parvez Hoodbhoy

Parvez Hoodbhoy

Pakistan Education Reform: पाकिस्तानी विचारक और फिजिक्स के प्रोफेसर परवेज हुदभाय (Pervez Hoodbhoy) ने शिक्षा व्यवस्था की तारीफ करते हुए कहा है कि भारत में भी कट्टरपंथी हैं, लेकिन शिक्षा ( Education) पर उनकी कोई छाप नहीं दिखती। भारत में शिक्षा वैश्विक स्तर की है। यह देश प्राचीन समय से गणित और विज्ञान में मजबूत था। उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान में विज्ञान ( Science) को बढ़ावा देने के लिए हमें मुल्लाइयत को छोड़ना होगा। पाकिस्तान ( Pakistan) का एक बड़ा वर्ग कहता है कि हमारे पास कुरान है। हर बात उसमें लिखी है। इसके अलावा हमें किसी दूसरी चीज की जरूरत नहीं है।’ हमें इसमें सुधार ( Reform) करना होगा।

ब्राह्मणों का गणित पर खास फोकस रहा

परवेज हुदभाय ने कहा कि भारत के प्राचीन काल में ब्राह्मणों का खास फोकस गणित पर रहा। आर्य भट्ट ने बड़ा योगदान दिया है। भारत के प्राचीन मंदिरों की डिजाइन से पता चलता है कि तब के लोग गणित और विज्ञान में बहुत अच्छी स्थिति में थे। भारत की संस्कृति इस्लाम के पहले की थी। गणित की जानकारी यहां से अरबों के जरिए यूरोप तक पहुंची। तब विज्ञान के मामले में भारत, चीन, मिस्र और यूनान ही आगे थे। भारत में विज्ञान और गणित पर 6,000 साल पहले भी काम हो रहा था। उन्होंने कहा, पाकिस्तान को कुछ अच्छा करना है तो उसे भी शिक्षा बेहतर करनी होगी। विज्ञान पर फोकस करना होगा।

मुगल काल में कोई भी आविष्कार नहीं

परवेज हुदभाय ने मुगलों के दौर का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान कोई भी आविष्कार नहीं हुआ। मुगलों की रुचि इमारतें बनाने, शायरी और जंग में तो थी, लेकिन वे विज्ञान में जीरो थे। पाकिस्तान आज उसी का खामियाजा भुगत रहा है।

कीमत दी, खरीद लिया

परवेज हुदभाय ने एक वाकया सुनाते हुए कहा कि शाहजहां के दरबार में अंग्रेज अधिकारी टॉमस रो ने चश्मे व दूरबीन समेत कई चीजें दिखाईं और कहा कि हमने इनका आविष्कार किया है। बादशाह ने कीमत पूछ कर इन्हें खरीद लिया। यह नहीं पूछा कि इन्हें बनाने का तरीका क्या है? उनका आविष्कार कैसे हुआ, यह जान लिया जाता तो विज्ञान समझ में आती।

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