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क्या पाकिस्तान बलूचों की आवाज़ दबाने के लिए किसी भी हद तक जाएगा ? बलूचों के ख़िलाफ़ तेज़ हुई सख़्ती

Balochistan independence: बलूचिस्तान में बलूचों के संघर्ष के नये युग की शुरुआत हो गई है। जाफर एक्सप्रेस हाइजेक के बाद से बलूचों का संघर्ष बदल गया है। उनका एक ही एजेंडा है या तो पाकिस्तान से आजादी मिलेगी या बलूच पूरे खत्म हो जाएंगे?

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भारत

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MI Zahir

Mar 24, 2025

Balochistan Movement

Balochistan Movement

Balochistan independence: बलूचिस्तान (Balochistan) में 'स्वतंत्रता (independence)की लड़ाई' एक नए मोड़ पर पहुंच चुकी है। जाफ़र एक्सप्रेस (Jaffar Express)हाइजेक और हाल ही में नोशकी जिले में बलूच लिबरेशन आर्मी ( BLA) की ओर से पाकिस्तानी सेना पर किए गए हमलों से यह बात साफ हो गई है कि बलूचों का संघर्ष अब एक निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है। उनका उद्देश्य साफ है-या तो पाकिस्तान से पूर्ण स्वतंत्रता मिलेगी, या उनका अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। पाकिस्तान (Pakistan) की सेना ने बलूचों के खिलाफ एक व्यापक अभियान (Military oppression) चला रखा है, जिसमें सैकड़ों लोगों को जेलों में डाल दिया गया है और कई लोगों को गुमनाम कर दिया गया।

बलूच विद्रोही इन हमलों के ज़रिये अपनी आज़ादी की मांग उठा रहे

इन घटनाओं के बावजूद, बलूच विद्रोहियों ने यह साबित कर दिया है कि वे अपनी आज़ादी के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। ऐसे में अब पाकिस्तान के लिए बलूचों की आवाज़ दबाना और भी कठिन हो गया है। उनके अनुसार पाकिस्तानी सेना की ओर से लागू की गई कथित बर्बर नीति के कारण बलूचिस्तान में हिंसा और खूनखराबा जारी है। हाल के हमलों में कई निर्दोष लोग मारे गए हैं, और बलूच विद्रोही संगठन इन हमलों के ज़रिये अपनी आज़ादी की मांग उठा रहे हैं।

बलूच एकता समिति की हड़ताल और इंटरनेट बहाल

बलूच एकता समिति (BYC) की ओर से आहूत हड़ताल रविवार कोे बलूचिस्तान के विभिन्न हिस्सों में जारी रही, हालांकि, क्वेटा में स्थिति सामान्य हो गई और चार दिनों के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई। डॉन न्यूज के अनुसार, विरोध प्रदर्शन का आह्वान बलूच सॉलिडेरिटी कमेटी के मुख्य आयोजक डॉ. महरंग बलूच और 16 अन्य कार्यकर्ताओं को क्वेटा के सरियाब रोड पर एक विरोध शिविर से गिरफ्तार करने और कथित रूप से जबरन गायब किए गए लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के बाद किया गया था।

इलियास बलूच और परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रदर्शन

पुलिस ने शनिवार को बलूच सॉलिडेरिटी कमेटी के सदस्यों पर कार्रवाई की थी, जो कथित तौर पर जबरन गायब किये जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। महरंग बलूच, बलूच सॉलिडेरिटी कमेटी के कार्यकर्ता बेबर्ग बलूच, उनके भाई और बोलन मेडिकल कॉलेज के उप-प्राचार्य डॉ. इलियास बलूच और उनके परिवार के सदस्यों की गिरफ्तारी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे। डॉ. इलियास और उनके रिश्तेदारों को देर रात रिहा कर दिया गया, जबकि कुछ प्रतिभागी बिना पहचान के 13 शवों को कथित रूप से दफनाए जाने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी कर रहे थे। हड़ताल का आह्वान तब किया गया जब शुक्रवार को बीवाईसी ने दावा किया कि पुलिस गोलीबारी में उसके तीन कार्यकर्ता कथित रूप से मारे गए।

बलूचिस्तान संकट: दमन और संघर्ष की बढ़ती हुई लहर

बलूचियों का कहना है कि बलूचिस्तान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वाले लोगों पर गोलियां चलाने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, जिससे बलूच जनता का गुस्सा और भड़कता जा रहा है। इस दमन के कारण आंदोलन तेज हो रहा है, और यह साफ दिखाई दे रहा है कि पाकिस्तान की सेना बलूचिस्तान संकट को समाप्त करने की बजाय उसे और बढ़ावा दे रही है।

बलूचों के आंदोलन के नाम पर उनके सफाये का अभियान चलाया जा रहा है

ऐसा लगता है कि बलूचों के आंदोलन के नाम पर उनके सफाये का अभियान चलाया जा रहा है। बलूचों की मुख्य मांग है कि उन्हें बलूचिस्तान की खनिज संपदा में अपना उचित हिस्सा मिले, साथ ही बलूचिस्तान में बुनियादी सुविधाओं का विकास किया जाए—जैसे स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और बेहतर सड़कें। लेकिन स्थानीय चश्मदीदों के अनुसार, बलूचिस्तान में इन सभी सुविधाओं का भारी अभाव है। पाकिस्तान की सरकार ने पूरे बलूच समुदाय को सजा देने की रणनीति अपना रखी है, जिसके परिणामस्वरूप यहां के लोग लगातार संघर्ष कर रहे हैं।

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