PM Modi Brazil Visit BRICS Summit Operation Sindoor: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Modi) 2025 में शिरकत करने के लिए जैसे ही ब्राजील के रियो डी जेनेरियो पहुंचे (PM Modi Brazil Visit), जहां भारतीय समुदाय के लोगों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। पारंपरिक नृत्य, भक्ति गीतों और लोक संस्कृति के रंग में रंगे इस स्वागत ने माहौल को भावुक और उत्सवमय बना दिया। प्रवासियों की ओर से प्रस्तुत 'ऑपरेशन सिंदूर' (PM Modi Brazil Visit BRICS Summit Operation Sindoor) थीम पर आधारित नृत्य में देशभक्ति का अद्भुत नजारा दिखा। ‘ये देश नहीं मिटने दूंगा’ जैसे नारों ने पूरे आयोजन को भावुक कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी 6-7 जुलाई को होने वाले 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन (BRICS Summit 2025) में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वे शांति, सुरक्षा, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जलवायु परिवर्तन, वैश्विक स्वास्थ्य और आर्थिक मुद्दों पर अपनी बात रखेंगे। ध्यान रहे कि ब्राज़ील में भारतीय प्रवासी समुदाय की संख्या संभावित रूप से 4,000 से 25,000+ है, जिसमें PIO, NRI और स्थानीय वंशज शामिल हैं। प्रवासी समुदाय की संस्थाओं की भूमिका समाज, संस्कृति व कूटनीति को जोड़ने में महत्वपूर्ण है।
अपनी राजकीय यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ब्रासीलिया में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला से मिलेंगे। दोनों नेता व्यापार, रक्षा, कृषि, तकनीक और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे।
ब्राजील में रह रहे भारतीयों ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताया। एक प्रवासी विजय सोलंकी ने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री से मिलना हमारे लिए गर्व की बात है।" वहीं पूजा नामक प्रवासी महिला ने बताया, "मैं पिछले तीन सालों से यहां हूं, और आज का दिन मेरे लिए खास है।"
ब्राजील से पहले पीएम मोदी अर्जेंटीना में थे, जहां उन्होंने राष्ट्रपति जेवियर माइली से मुलाकात की। ब्राजील के बाद वे 9 जुलाई को नामीबिया पहुंचेंगे और वहां संसद को भी संबोधित करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत में उमड़ी भीड़ इस बात का संकेत है कि दुनिया भर में बसे भारतीय आज भी भारत के नेतृत्व से गहरे जुड़ाव महसूस करते हैं। एक प्रवासी महिला ने कहा – “यह सिर्फ एक मुलाकात नहीं, बल्कि भारत से जुड़ाव का एहसास है।”
ब्राजीलियाई लोक कलाकारों और सांस्कृतिक समूहों ने कहा कि “भारत और ब्राजील की संस्कृति में आध्यात्म और रंगों की साझी झलक है।”
अब नजरें प्रधानमंत्री के ब्रिक्स भाषण पर हैं , क्या वे चीन और रूस के बीच संतुलन बना पाएंगे? क्या आतंकवाद और एआई पर ठोस प्रस्ताव आएगा?
प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति लूला से मुलाकात के बाद संभावित MOUs पर विशेष प्रेस ब्रीफिंग की उम्मीद है। इसमें टेक्नोलॉजी, एनर्जी और डिफेंस प्राथमिक क्षेत्रों में शामिल हो सकते हैं।
पारंपरिक नृत्य और "ये देश नहीं मिटने दूंगा" गीत के माध्यम से प्रवासियों ने एक भावनात्मक और राजनीतिक संदेश भी दिया - जो सिर्फ स्वागत नहीं, बल्कि एकजुटता और पहचान का प्रदर्शन था।
भारत अब ब्राजील के साथ बायो-फ्यूल, ग्रीन हाइड्रोजन और सौर ऊर्जा पर सहयोग के लिए रणनीतिक योजना बना रहा है — जिससे दोनों देशों की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूती मिलेगी।
"जब मोदी जी पहुंचे और ‘ये देश नहीं मिटने दूंगा’ गूंजा, तब रोंगटे खड़े हो गए," – रियो में रहने वाली पूजा शाह।
"देश से दूर रहकर भी हमने भारत को महसूस किया," – विजय सोलंकी, गुजराती प्रवासी।
स्थानीय ब्राजीलियाई चैनलों ने मोदी के स्वागत को “इमोशनल कल्चरल डिप्लोमेसी” बताया। कई पत्रकारों ने इसे भारत की "सॉफ्ट पावर" का उदाहरण कहा।
अंतरराष्ट्रीय संबंध विशेषज्ञों का मानना है कि "ब्रिक्स से इतर यह भारत की सांस्कृतिक कूटनीति की बड़ी जीत है।"
शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री किस तरह से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का जिक्र करते हैं, इस पर सबकी निगाहें होंगी।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति लूला की मीटिंग के बाद किन क्षेत्रों में समझौते होंगे — इस पर विस्तृत ब्रीफिंग आने की संभावना है।
क्या अब हर विदेश दौरे पर इस तरह के देशभक्ति से भरे प्रदर्शन ट्रेंड बनेंगे?
यह सिर्फ एक नृत्य नहीं था — यह एक भावनात्मक बयान था कि भारत के प्रवासी कहीं भी हों, उनका दिल देश के लिए ही धड़कता है।
“ये देश नहीं मिटने दूंगा” गीत का चयन भी मोदी ब्रांड की छवि से मेल खाता है — एक निर्णायक, राष्ट्रवादी नेता।
पीएम मोदी का स्वागत केवल राजनीतिक नहीं, सांस्कृतिक शक्ति का भी प्रदर्शन था। इससे भारत-ब्राजील लोगों के बीच रिश्ते मजबूत होंगे।
रूस-चीन जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच मोदी एक संतुलनकर्ता की भूमिका में हैं -और अब सांस्कृतिक ताकत के साथ।
Updated on:
06 Jul 2025 09:29 am
Published on:
06 Jul 2025 08:46 am