
Russian Space Agency Chief Dmitry Rogozin:
रूस लगातार यूक्रेन पर आक्रामक है। जिससे पूरे विश्व में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। रूस का कठोर रुख देखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए थे, इन प्रतिबंधों में कुछ ऐसे प्रतिबंध हैं जो रूस के स्पेस प्रोग्राम को कमजोर और सीमित कर देंगे। राष्ट्रपति जो बाइडन का साफ कहना है कि लगाए गए प्रतिबंधों से रूस को तगड़ा झटका लगेगा। इन सब के बाद रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकोमोस (Roscomos) के चीफ दिमित्रि रोगोजिन (Dmitry Rogozin) ने पटलवार करते हुए चेतावनी दी और कहा कि अगर अमेरिका ने सहयोग करना बंद किया तो, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन अनियंत्रित हो सकता है और भारत या चीन पर गिर सकता है।
निदेशक डिमित्री रोगोजिन ने कई ट्वीट कर लिखा, अंतरिक्ष सहयोग बंद करने से आपको ही खतरा हो सकता है। क्या आप इसके लिए तैयार हैं। क्या आप भारत व चीन को इस तरह से डराना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) रूस के ऊपर से नहीं उड़ता इसलिए खतरा पूरी तरह आप पर है।
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दिमित्रि रोगोजिन ने कहा, ‘अगर अमेरिका ने रूसी अंतरिक्ष कार्यक्रम से प्रतिबंध नहीं हटाए तो रूस के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से रूस के हटने के लिए अमेरिका ही जिम्मेदार होगा। या तो हम साथ काम करें जिसके लिए अमेरिका को फौरन ही पाबंदियां हटानी होगी, या फिर हम साथ काम नहीं करेंगे और हम खुद का ही स्पेस स्टेशन स्थापित करेंगे।’
दरअसल अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन को कई देश मिलकर संभालते हैं जिसमे अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और रूसी अंतरिक्ष एजेंसी का बड़ा योगदान है। अगर वह स्पेस स्टेशन अनियंत्रित होता है तो अपनी दिशा के अनुसार वह किसी अमेरिकी, यूरोपी या ऐशिया के किसी देश में ही गिरेगा जिससे भारी तबाही मच सकती है। इस बात को कहते हुए रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के चीफ ने अपनी बात कही है और अमेरिका को धमकी दी है।
अमेरिकी प्रतिबंधों पर नासा के एक प्रवक्ता ने कहा कि अंतराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन को सुरक्षित रूप से चलाने के लिए रूस की सहायता जारी रखी जाएगी। नासा रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोसमोस सहित अपने सभी अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करना जारी रखेगा।
प्रवक्ता ने यह भी बताया कि नए प्रतिबंधों का अमेरिका और रूस के नागरिक अंतरिक्ष सहयोग पर असर नहीं होगा। ऑर्बिट और ग्राउंड स्टेशन ऑपरेशन में दोनों देशों के सहयोग में बदलाव की कोई योजना नहीं है। नए निर्यात उपाय सिर्फ सैन्य और महत्वकांक्षा वाले मिशनों पर ही लागू होंगे।
ये स्पेस स्टेशन धरती पर बनाई गई सबसे महंगी चीज है। ये धरती की सतह से करीब 410 किलोमीटर की ऊंचाई पर परिक्रमा लगा रहा है। इस मिशन को सन् 1989 में शुरू किया गया था। । आईएसएस में अमेरिका की नासा के साथ रूस की रशियन फेडरल स्पेस एजेंसी (आरकेए), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (जेएएक्सए), कनाडा की कनेडियन स्पेस एजेंसी (सीएसए) और यूरोपीय देशों की संयुक्त यूरोपीयन स्पेस एजेंसी (ईएसए) एक साथ संभालती हैं।
Updated on:
26 Feb 2022 07:39 am
Published on:
25 Feb 2022 06:48 pm
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