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इन दवाइयों से 2050 तक हो सकती हैं 39 मिलियन से अधिक मौतें, वजह जान कर चौंक जाएंगे

Antibiotic resistance: जिसे देखो वह एंटीबायोटिक दवाइयां खूब ले रहा है, लेकिन जरूरत से ज्यादा या बेवजह एंटीबायोटिक दवाइयां लेना आपकी जिंदगी के लिए घातक हो सकता है। एंटीबायोटिक प्रतिरोध का पूर्वानुमानित प्रभाव चिंताजनक है और यह एक गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती को उजागर करता है।

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Antibiotic resistance

Antibiotic resistance

Antibiotic resistance: आजकल धड़ल्ले से इस्तेमाल की जा रही एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधी जीवाणु (Antibiotic resistance) संबंधी बीमारियों के कारण अगले 25 वर्षों के दौरान दुनिया भर में 39 मिलियन से अधिक मौतें (deaths)होंगी और अप्रत्यक्ष रूप से 169 मिलियन अतिरिक्त मौतें होने में सहायक बनेंगी। आर्थिक प्रभाव (economic impact) भी महत्वपूर्ण है। 2030 तक संभावित जीडीपी हानि 1 ट्रिलियन से 3.4 ट्रिलियन डॉलर के बीच हो सकती है। यह स्थिति स्वास्थ्य प्रणालियों (health systems)और राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर भारी दबाव डालेगी, विशेष रूप से निम्न और मध्यम आय वाले देशों में, जो विशेष रूप से प्रभावित हैं, खासकर सब-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया जैसे क्षेत्रों में हैं।

सालाना लगभग 68% और 75% की वृद्धि

एक अध्ययन के अनुसार, एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी संक्रमण सीधे तौर पर 39 मिलियन से अधिक मौतों का कारण बन सकते हैं और अप्रत्यक्ष रूप से 169 मिलियन अतिरिक्त मौतों में योगदान कर सकते हैं। यदि इस दिशा में कोई प्रभावी उपाय नहीं किए जाते, तो 2050 तक इन संक्रमणों के कारण प्रतिवर्ष मौतों की संख्या सीधे 1.91 मिलियन और अप्रत्यक्ष रूप से 8.22 मिलियन तक पहुंच सकती है। यह मौजूदा स्तरों की तुलना में सालाना लगभग 68% और 75% की वृद्धि दर्शाता है।

नई वैक्सीनों का विकास करना होगा

पूर्वानुमान यह भी दर्शाता है कि एंटीबायोटिक प्रतिरोध की समस्या का तत्काल सामना करने की आवश्यकता है। देखभाल की पहुंच को बेहतर बनाना, नई वैक्सीनों का विकास करना, और एंटीबायोटिक उपयोग के लिए सख्त चिकित्सा प्रोटोकॉल लागू करना अगले 25 वर्षों में 92 मिलियन जीवन बचा सकता है। यह वैश्विक सहयोग और नवाचार की आवश्यकता को स्पष्ट करता है ताकि इस गंभीर मुद्दे का समाधान किया जा सके। आम तौर पर डॉक्टर्स बताते हैं कि एंटीबायोटिक दवाएं बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। ये एंटीबायोटिक दवाइयां बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। ये दवाएं बैक्टीरिया को मारती हैं या उन्हें बढ़ने से रोकती हैं।

एंटीबायोटिक दवाइयों के कुछ उदाहरणः

डॉक्टर और मेडिकल स्टूडेंट्स जानते हैं और मरीजों के लिए यह अहम जानकारी है कि पेनिसिलिन, जेंटामाइसिन, सेफ़ालेक्सिन, एरिथ्रोमाइसिन, सिप्रोफ़्लोक्सासिन, मेट्रोनिडाज़ोल, क्लोरैम्फ़ेनिकॉल, फ़्यूसिडिक एसिड, नाइट्रोफ़्यूरेंटोइन, ट्राइमेथोप्रिम आदि। ये दवाइयां बैक्टीरिया मारती हैं या उन्हें बढ़ने से रोकती हैं।

डॉक्टर्स की राय, एंटीबायोटिक दवाइयां और कुछ बातें:

एंटीबायोटिक दवाइयां वायरल संक्रमणों जैसे सर्दी, जुकाम, और ज़्यादातर खांसी के इलाज में असरदार नहीं होतीं। इन दवाइओं का इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए जब ज़रूरी हो। एंटीबायोटिक दवाओं को तय शेड्यूल के मुताबिक लेना ज़रूरी है। इन दवाइयों से पेट खराब होना, दस्त, और महिलाओं में वेजाइनल यीस्ट संक्रमण जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। कुछ लोगों को कुछ एंटीबायोटिक दवाओं से एलर्जी होती है। एंटीबायोटिक दवाइयों ओं के सेवन से पहले, आपको अपने डॉक्टर को उन सभी दवाओं क बारे में बताना चाहिए जो आप ले रहे हैं। वहीे गट बैक्टीरिया पर असर पड़ता है। इन दवाइयों के एक कोर्स से ही उनका प्रतिरोध पैदा हो सकता है।

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