
अन्य तीन वैज्ञानिक जर्मनी, फ्रांस और चीन से
जी हां, जर्मनी के बर्लिन स्थित विश्व के सबसे अग्रिम और प्रसिद्ध वैज्ञानिक अनुसंधान संस्था, द रिसर्चगेट ने शीर्ष चार विश्व स्तरीय वैज्ञानिकों, विशेष तौर पर भौतिकविदों की जो सूची जारी कर अनुशंसा प्रकाशित की है, उस सूची में मशहूर भारतवंशी वैज्ञानिक देव अरस्तु पंचारिया का नाम भी शामिल है। जर्मनी के बर्लिन स्थित विश्व के सबसे अग्रिम और प्रसिद्ध वैज्ञानिक अनुसंधान संस्था, द रिसर्चगेट को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रवासी भारतीय वैज्ञानिक देव अरस्तु का नाम शामिल होना भारतीयों व भारतववासियों के लिए गर्व का विषय है। इनमें से अन्य तीन वैज्ञानिक जर्मनी, फ्रांस और चीन से सूचीबद्ध हैं।
दो सौ वर्ष पुराना रहस्य सुलझाया
रिसर्चगेट की ओर से प्रकाशित सूची में देव अरस्तु के शोध को उनकी खोज के आधार पर शामिल किया गया है। देव अरस्तु की प्रत्याशित खोज फ्लूइड डिस्कन्टिन्यूइटी थ्योरी
( Fluid discontinuity ) या एफ. डी. टी. (FDT) को सूची में अनुशंसित किया गया है । उनकी इस खोज ने भौतिकविज्ञान के दो-सौ वर्ष पुराने रहस्य को सुलझाया था । देव अरस्तु की विज्ञान क्षेत्र में इस उपलब्धि ने भारत की वैज्ञानिक वरिष्ठता को विश्व पटल पर स्थापित किया।
रॉयल सोसाइटी के फैलो- रॉयल चार्टर
ब्रिटिश राजपरिवार की रॉयल सोसाइटी के फैलो ( British royal sociey fellow) - रॉयल चार्टर ( Royal charter) मशहूर वैज्ञानिक डा देव अरस्तु पंचारिया एक प्रसिद्ध भौतिकशास्त्री, गणितज्ञ और अर्थशास्त्री हैं,जिन्हें रॉयल चार्टर (शाही विशेषाधिकार) के लिए ब्रिटिश राजपरिवार की ओर से संरक्षित रॉयल सोसाइटी (कला, वाणिज्य और निर्माण) से हाल ही में सदस्य निर्वाचित किया गया है । उन्हें ब्रिटिश राजसी परिषद् में मनोनीत होने वाले प्रथम भारतीय के रूप में गौरव हासिल है।
यह है रिसर्चगेट
रिसर्चगेट दुनिया भर में हो रहे वैज्ञानिक अनुसंधान और विकास से संबंधित डेटा का विश्लेषण करने वाली सबसे प्रमुख संस्था है। इसमें विश्व स्तर के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं के वैज्ञानिक और वैज्ञानिक टीमें विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में उनकी प्रगति का विश्लेषण करने के लिए जुड़े हुए हैं । नेचर ( Nature) और टाइम्स हायर एजुकेशन
(Times higher education) ने रिसर्चगेट को दुनिया की सबसे बड़ी वैज्ञानिक व शैक्षणिक परिषद बताया है, जहां 2 करोड़ से अधिक वैज्ञानिक और उनकी टीमें रिसर्च डेटा विश्लेषण करने के लिए पंजीकृत हैं।
Published on:
29 Feb 2024 04:14 pm
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