
Floods in Myanmar (Representational Photo)
भारत (India) के पड़ोसी देशों में मानसून (Monsoon) कहर बरपा रहा है। इनमें म्यांमार (Myanmar) भी शामिल है। म्यांमार में मानसून की बारिश से देश के कई हिस्सों में बाढ़ आ गई है, जिससे हालात काफी गंभीर हो गए हैं। भारी बारिश के बाद थानल्विन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। आज, गुरुवार, 31 जुलाई को मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग के अनुसार, हपा-आन में नदी का जलस्तर खतरे के निशान से लगभग 6 फीट ऊपर पहुंच गया है और शुक्रवार तक इसके खतरे में रहने की आशंका है।
म्यांमार में बाढ़ की वजह से कायिन राज्य के हपा-आन कस्बे के 2,298 घरों के कुल 10,395 लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है। इन लोगों को 24 अस्थायी बचाव शिविरों में पहुंचाया गया है, जिससे ये सुरक्षित रहे। आपदा प्रबंधन समितियों, अग्निशामकों, म्यांमार रेड क्रॉस सोसाइटी और समुदाय-आधारित संगठनों के सदस्यों द्वारा इन लोगों को निकाला गया। वहीं कायिन राज्य के म्यावाड्डी कस्बे में 771 घरों के कुल 2,851 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। मौसम विज्ञान और जल विज्ञान विभाग के अनुसार म्यावाड्डी में नदी का जलस्तर खतरे के स्तर से लगभग 12 फीट ऊपर उठ गया है और शुक्रवार तक खतरा रहने की आशंका है। इसके साथ ही शान राज्य के 4 कस्बों में बाढ़ के कारण 461 घरों के कुल 2,267 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
जानकारी के अनुसार कायिन राज्य सरकार, दानदाताओं के साथ मिलकर लोगों को बुनियादी खाद्य आपूर्ति प्रदान कर रही है। वहीं स्वास्थ्य मंत्रालय ज़रूरतमंद लोगों को चिकित्सा उपचार और सेवाएं मुहैया करा रहा है।
म्यांमार में बाढ़ प्रभावित इलाकों में डेंगू के मामले भी बढ़ रहे हैं, जो चिंता की बात है। ऐसे में मेडिकल टीमें, संबंधित विभागों की मदद से निगरानी कर रही हैं, कीटनाशकों का छिड़काव कर रही हैं और पानी के कंटेनरों में लार्वानाशक डाल रही हैं, जिससे डेंगू के मामलों को बढ़ने से रोका जा सके।
Updated on:
31 Jul 2025 04:08 pm
Published on:
31 Jul 2025 04:07 pm
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