बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, टिलरसन ने कहा कि बिना लगाम का ईरान भी वही राह अपना सकता है, जिसे उत्तर कोरिया ने अपनाया है और पूरी दुनिया को उसी राह पर ले जाना चाहता है। साथ ही उनका कहना कि ईरान की समीक्षा केवल तेहरान के परमाणु समझौते के पालन की समीक्षा तक ही सीमित नहीं रहेगी, बल्कि मध्यपूर्व में उसकी गतिविधियों पर भी निगाह डाली जाएगी।
वहीं इससे पहले टिलरसन ने एक दिन पहले कांग्रेस में ईरान समीक्षा में कहा था कि वह परमाणु समझौते का पालन कर रहा है। टिलरसन ने ईरान पर लेबनान, इराक, सीरिया तथा यमन में अमेरिकी हितों को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ईरान पर एक व्यापक नीति की जरूरत है, ताकि उसके द्वारा पेश आने वाले सभी खतरों का हम समाधान कर सकें और इस बात में कोई दो राय नहीं कि ईरान से कई खतरे हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान परमाणु समझौते की समीक्षा का आदेश दिया था। उस समय अमरीका ने स्वीकार किया है कि तेहरान साल 2015 के परमाणु समझौते का पालन कर रहा है। तो वहीं ईरान ने नवीनतम घटनाक्रम पर अभी तक कोई टिप्पणी नहीं की है। वह पश्चिम के इस आरोप को बार-बार नकारता रहा है कि उसने कभी भी परमाणु हथियार विकसित करने का कोई प्रयास किया था।
ईरान नीति की व्यापक समीक्षा की घोषणा करते हुए ट्रंप सरकार ने परमाणु समझौते को रद्द नहीं किया था। वहीं टिलरसन इस हद तक पहुंच गए कि ईरान से समझौते को बनाए रखने में लाभ नहीं है लेकिन उन्होंने यह जरूर स्वीकार किया कि समझौते पर अमल हो रहा है।
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया द्वारा इस साप्ताहांत में एक नाकाम मिसाइल परीक्षण को अंजाम देने के बाद वाशिंगटन ने मंगलवार को उत्तर कोरिया पर कुछ करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया। इसके विपरीत उत्तर कोरिया ने कहा कि वह साप्ताहिक स्तर पर मिसाइलों का परीक्षण करेगा और चेतावनी दी कि अगर अमेरिका ने सैन्य कार्रवाई की तो युद्ध जरुर होगा।