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ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले भारतीय स्टूडेंट्स को अल्टीमेटम, जानें अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ ने ऐसा क्या कहा?

Indian Students in USA: अमेरिका में रहने वाले भारतीय छात्रों को वहां के विश्वविद्यालयों ने ई-मेल भेजकर इस बारे में सूचित किया है। भारतीय छात्रों को ये काम ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले ही कर लेना है।

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US Universities advisory to Indian students to come back before Donald Trump oath taking

US Universities advisory to Indian students to come back before Donald Trump oath taking

Indian Students in USA: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आने वाली 20 जनवरी को शपथ लेंगे। डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में वापसी को लेकर अमेरिका ही नहीं बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया में इस बात की चर्चा है कि दुनिया में फैली अशांति और अस्थिरता को वे (Donald Trump) दूर कर सकते हैं। वहीं खुद अमेरिका के कई लोगों का ये कहना है कि ट्रंप के वापस सत्ता में आने से देश में नौकरियों का अकाल पड़ सकता है और तो और बाहर से आने वाले स्टूडेंट्स समेत लोगों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इन गहमागहमी के बीच अब अमेरिका में रहने वाले भारतीयों समेत सभी विदेशी छात्रों को एक अल्टीमेटम दिया गया है। ये अल्टीमेटम किसी और ने नहीं बल्कि अमेरिका की यूनिवर्सिटीज़ ने दिया है।

क्या है ये अल्टीमेटम 

दरअसल अमेरिका के कई विश्वविद्यालयों ने विदेशी छात्रों खास तौर से भारतीयों को सलाह दी है कि वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी को शपथ ग्रहण पहले अपनी छुट्टियां खत्म कर अमेरिका लौट आएं। विश्वविद्यालयों ने अपने अंतरराष्ट्रीय छात्रों के साथ-साथ कर्मचारियों के लिए भी ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। छात्रों को जारी की गई सलाह में कहा गया है कि इससे यात्रा प्रतिबंधों और प्रवेश बिंदुओं पर कड़ी जांच से बचा जा सकेगा। 

यूनिवर्सिटीज़ ने क्यों दी ये एडवाइजरी

अमेरिकी यूनिवर्सिटीज़ ने भारतीय समेत विदेशी छात्रों को ये सलाह क्यों दी है, इसके पीछे बड़ी वजह ये सामने आ रही है कि अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के तौर पर ट्रंप अपने कार्यकाल के पहले ही दिन अर्थव्यवस्था और इमीग्रेशन (अप्रवासन) के मुद्दों पर कई कार्यकारी आदेशों पर साइन करेंगे। अमेरिकी विदेश विभाग, ब्यूरो ऑफ एजुकेशनल एंड कल्चरल अफेयर्स और इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल एजुकेशन के आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में सभी अंतरराष्ट्रीय छात्रों में से आधे से ज्यादा यानी करीब 54 प्रतिशत भारत और चीन से हैं।

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