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वीज़ा और ग्रीन कार्ड के लिए अब सोशल मीडिया से होगी जांच, जानिए नई अमेरिकी नीति क्या कहती है

US Visa Anti-American Policy: अमेरिका ने वीज़ा और ग्रीन कार्ड आवेदकों की जांच में ‘अमेरिका-विरोधी विचारों’ को एक बड़ा मानदंड बना दिया है।

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भारत

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MI Zahir

Aug 21, 2025

US Visa Anti-American Policy

वीज़ा और ग्रीन कार्ड के लिए नई अमेरिकी नीति। (फोटो: ANI)

US Visa Anti-American Policy: अमेरिका में बेहतर भविष्य की तलाश कर रहे भारतीय छात्रों, पेशेवरों और परिवारों के लिए एक नई चुनौती सामने आई है। ट्रंप प्रशासन ने अब अमेरिकी वीज़ा (US Visa Policy 2025), ग्रीन कार्ड (Green Card Application Rules)और नागरिकता के आवेदनों की जांच में ‘अमेरिका-विरोधी’ सोच को भी एक बड़ा फैक्टर बना दिया है। इसका सीधा मतलब है – अगर किसी के सोशल मीडिया पर देश-विरोधी विचार दिखते हैं या किसी विवादास्पद संगठन से जुड़ाव नजर आता है, तो उनका आवेदन खारिज किया जा सकता है। अमेरिकी नागरिकता व आव्रजन सेवा (USCIS) ने इस नई नीति के तहत स्पष्ट किया है कि ‘अमेरिका-विरोधी गतिविधियां’ आव्रजन प्रक्रिया (Anti-American Ideology Check) में एक ‘नकारात्मक कारक’ होंगी। हालांकि, ‘अमेरिका-विरोधी’(USCIS Immigration Updates) की कोई सटीक परिभाषा नहीं दी गई है। फिर भी, इसमें उन लोगों को शामिल माना गया है जो:

यहूदी विरोधी विचारों या संगठनों से जुड़े हुए हैं।

आतंकवादी संगठनों का समर्थन करते हैं।

हिंसा या ताकत से अमेरिका की सरकार को गिराने की बात करते हैं।

अमेरिका के संविधान, संस्थाओं, संस्कृति या सिद्धांतों के खिलाफ बोलते हैं।

सोशल मीडिया की सख्त निगरानी

ट्रंप प्रशासन ने पहले से ही सोशल मीडिया की निगरानी को वीज़ा प्रक्रिया में शामिल किया था। अब यह जांच और गहराई से की जाएगी ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं आवेदक अमेरिका के खिलाफ तो नहीं है। अधिकारी अब आवेदकों के फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे अकाउंट्स को खंगालेंगे और वहां मौजूद बयानों, शेयर की गई पोस्ट और विचारों की समीक्षा करेंगे।

छात्र वीज़ा पर भी असर पड़ने की संभावना

अमेरिकी विदेश विभाग ने इस साल 6,000 से अधिक छात्र वीज़ा रद्द किए हैं। अब दूतावासों को निर्देश दिया गया है कि वे यह देखें कि कोई आवेदक अमेरिका की सरकार, संस्थाओं या नागरिकों के प्रति नफरत तो नहीं रखता। इससे छात्रों और वीज़ा चाहने वाले पेशेवरों को अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी।

1952 का कानून बना आधार

इस नई नीति का कानूनी आधार 1952 का इमिग्रेशन एंड नेशनलिटी एक्ट (INA) है। इसके तहत उन लोगों को अमेरिका की नागरिकता देने से मना किया जाता है जो किसी हिंसक विचारधारा, कम्युनिस्ट पार्टी, आतंकवादी समूह या अमेरिका को कमजोर करने वाली सोच से जुड़े हैं।

USCIS का साफ संदेश: वीज़ा कोई अधिकार नहीं, एक विशेषाधिकार है

यूएससीआईएस के प्रवक्ता मैथ्यू ट्रैगेसर ने बयान में कहा, "अमेरिका उन लोगों को लाभ नहीं देना चाहता जो देश से नफरत करते हैं। अमेरिका में रहने और काम करने का मौका एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं।" उन्होंने यह भी कहा कि आव्रजन नीतियां इस तरह बनाई जा रही हैं जिससे ऐसे तत्वों को रोका जा सके जो अमेरिका के लिए खतरा हो सकते हैं।

क्या करें आवेदक ?

अगर आप अमेरिका वीज़ा, ग्रीन कार्ड या नागरिकता के लिए आवेदन करने की सोच रहे हैं तो अब आपको अपनी सोशल मीडिया गतिविधियों पर विशेष ध्यान देना होगा। पुराने पोस्ट, कमेंट्स, शेयर की गई सामग्री आदि को जांच लें और यह सुनिश्चित करें कि वे किसी भी प्रकार से हिंसात्मक या अमेरिका-विरोधी न हों।

आव्रजन प्रक्रिया को और कड़ा बना रहा है

बहरहाल यह नई नीति साफ दिखाती है कि अब अमेरिका अपनी सुरक्षा और विचारधारा की रक्षा के लिए आव्रजन प्रक्रिया को और कड़ा बना रहा है। आवेदकों को अब सिर्फ तकनीकी या शैक्षणिक योग्यता नहीं, बल्कि अपने विचारों और सामाजिक गतिविधियों पर भी ध्यान देना होगा।