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Maa Katyayani Puja vidhi : इस ऋषि के कारण मां का नाम पड़ा कात्यायनी, पढ़ें माता कात्यायनी के मंत्र और संपूर्ण पूजा विधि

Maa Katyayani Puja Vidhi: नवरात्रि के छठें दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है, हालांकि शारदीय नवरात्रि 2024 में तृतीया तिथि वृद्धि के कारण सातवें दिन मां की पूजा होगी। गोधूलि वेला में मां की पूजा का विशेष महत्व है। इन्होंने ऋषि की पुत्री के रूप में अवतार लिया था। आइये जानें मां कात्यायनी के मंत्र और संपूर्ण पूजा विधि ...

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Maa Katyayini Puja Vidhi

Maa Katyayini Puja Vidhi: मां कात्यायनी पूजा विधि

Ma Katyayani Puja Vidhi: नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। इन्हें ऋषि कात्यायन की पुत्री होने के कारण कात्यायनी कहा जाता है। इस स्वरूप को माता पार्वती ने महिषासुर दैत्य का अंत करने के लिए धारण किया था। यह देवी पार्वती का सर्वाधिक हिंसक रूप है। इन्हें योद्धा देवी के रूप में भी जाना जाता है।


देवी कात्यायनी का यह स्वरूप क्रोध के सकारात्मक उपयोग को प्रदर्शित करता है। इनकी पूजा के लिए क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः या ऊं देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र जपना चाहिए। साथ ही देवी कात्यायनी को मधु अर्थात शहद का प्रसाद अर्पित करना चाहिए। इनकी पूजा नवरात्रि के छठें दिन की जाती है।


मां कात्यायनी का स्वरूप (Maa Katyayani Puja)

Maa Katyayini Swaroop: हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी कात्यायनी बृहस्पति ग्रह को शासित करती हैं। देवी कात्यायनी को विशाल दैवीय सिंह पर आरूढ़ और चतुर्भुज रूप में दर्शाया जाता है। देवी कात्यायनी अपने बाएं हाथों में कमल पुष्प और तलवार धारण करती हैं और दाहिने हाथों को अभय मुद्रा और वरद मुद्रा में रखती हैं। इस देवी का प्रिय पुष्प लाल है, विशेष रूप से गुलाब के लाल फूल इन्हें प्रिय हैं।

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मां कात्यायनी की पूजा विधि (Maa Katyayani Puja Vidhi)

1. मां कात्यायनी की पूजा सुबह करने के बाद दोबारा गोधूलि वेला में करने का नियम है।

2. गोधूलि वेला में पीले या लाल कपड़े पहनकर मां कात्यायनी की पूजा करनी चाहिए।

3. मां कात्यायनी की फोटो कलश के पास रखकर पहले कलश की पूजा करें, अन्य देवताओं का ध्यान करें, मां की पूजा शुरू करें और उन्हें पीले फूल, पीला नैवेद्य अर्पित करें। इन्हें शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है।

4. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः मंत्र का जाप करें।

5. मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनते हैं, साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी होती हैं।

6. इसके बाद मां के सामने उनके मंत्रों का जाप करें। मां कात्यायननी के स्तोत्र पढ़ें, दुर्गा सप्तशती पढ़ें और आरती गाएं।

7. पूजा में गलती के लिए क्षमा मांगें।

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मां कात्यायनी के मंत्र (Ma Katyayani Mantra)

1. ॐ ह्रीं नम:।।'

2. चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।

3. ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥

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