
Ram Navami 2025 Date 6 or 7 April: राम नवमी 2025 की डेट
Ram Navami Kab Hai, 6 or 7 April: भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम का अवतार त्रेता युग में चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि यानी 9वें दिन मध्याह्न में हुआ था।
इसलिए हर साल भक्त इस तिथि पर मां दुर्गा की पूजा के साथ भगवान राम का जन्मोत्सव मनाते हैं पूजा करते हैं। इसको लेकर अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में सेलिब्रेशन होता है। इसके अलावा संत तुलसी दास ने इसी तिथि रामचरित मानस की रचना शुरू की थी। लेकिन इस साल नवरात्रि 8 दिन की है ऐसे में राम नवमी कब होगी, पूजा का शुभ मुहूर्त अनुष्ठान, आरती और पूजा विधि क्या है।
पंचांग के अनुसार साल 2025 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 30 मार्च से हुई है। इस आधार पर नवें दिन यानी 7 अप्रैल को नवमी तिथि पड़नी चाहिए। लेकिन ज्योतिषीय गणना के अनुसार चैत्र नवरात्रि में एक तिथि क्षय होने से नवरात्रि 8 दिन का ही है।
इस नवराते में दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी के साथ मां चंद्रघंटा की भी पूजा की जाएगी(कुछ लोग तीसरे दिन का क्षय बता रहे हैं) और नवमी तिथि यानी रामनवमी 6 अप्रैल को मनाई जाएगी। साथ ही मध्याह्न क्षण में पूजा की जाएगी। आइये जानते हैं राम नवमी तिथि का मुहूर्त
चैत्र शुक्ल नवमी का आरंभः 05 अप्रैल 2025 को शाम 07:26 बजे
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि समापनः 06 अप्रैल 2025 को शाम 07:22 पी एम बजे
उदया तिथि में राम नवमी: रविवार 6 अप्रैल 2025 को
राम नवमी मध्याह्न मुहूर्तः सुबह 10:10 बजे से दोपहर 12:41 बजे तक
रामनवमी पूजा अवधिः 02 घंटे 31 मिनट्स
राम नवमी मध्याह्न का क्षणः सुबह 11:25 बजे
नोटः कुछ कैलेंडर में राम नवमी का मध्याह्न समय 12:29:39 बजे तक है। जबकि राम नवमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11.08 बजे से दोपहर 1.39 बजे तक रहेगा।
राम नवमी व्रत का पारणः 7 अप्रैल को
(चैत्र नवरात्रि नवमी के अगले दिन चैत्र शुक्ल दशमी को पारण होता है। इस साल सोमवार 7 अप्रैल 2025 का पारण होगा। पारणा के साथ चैत्र नवरात्रि का समापन हो जाता है। )
धर्म ग्रंथों के अनुसार राम नवमी पूजा अनुष्ठान करने का सबसे शुभ समय मध्याह्न काल यानी छह घटी (लगभग 2 घंटे 24 मिनट) तक रहता है, सुबह तकरीबन 11 बजे से दोपहर 1 बजे यह समय आता है । मंदिरों में इस क्षण को भगवान श्री राम का जन्मकाल के रूप में मनाया जाता हैं। इस दौरान भगवान श्री राम के नाम का जाप और जन्मोत्सव चरम पर होता है। ग्रेगोरियन कैलेंडर में 12 बजे के समय को मध्याह्न काल माना जाने लगा।
1.राम नवमी 2025 का अनुष्ठान भव्यता के साथ अयोध्या में मनाया जाता है। राम नवमी पर दूर-दूर से श्रद्धालु अयोध्या आते हैं। सरयू नदी में पवित्र स्नान करने के बाद भक्त श्री राम जी के जन्मोत्सव में भाग लेने के लिए राम मंदिर जाते हैं।
2. राम नवमी के दिन आठ प्रहर उपवास भी किया जाता है। भक्तों को सूर्योदय से सूर्योदय तक व्रत पालन करना चाहिए। यह व्रत तीन तरह से रखा जाता है, पहला नैमित्तिक- जिसे बिना किसी कारण के किया जाता है, दूसरा नित्य - जिसे जीवन पर्यंत बिना किसी कामना और इच्छा के किया जाता है और काम्य - जिसे किसी विशेष मनोरथ की पूर्ति के लिए किया जाता है।
3. इसके अलावा रामनवमी के दिन भक्त रामायण का पाठ करते हैं।
4. रामरक्षा स्त्रोत भी पढ़ी जाती है और घरों मंदिरों में कीर्तन किया जाता है।
5. भगवान राम की मूर्ति को फूल-माला से सजाते हैं और पालने में झुलाते हैं।
1. सबसे पहले स्नान करके पवित्र होकर पूजा स्थल पर पूजन सामग्री के साथ बैठें।
2. पूजा में तुलसी दल और कमल का फूल जरूर चढ़ाएं।
3. इसके बाद श्रीराम नवमी की पूजा षोडशोपचार करें।
4. खीर और फल-मूल को प्रसाद के रूप में तैयार करें।
5. पूजा के बाद घर की सबसे छोटी महिला सभी लोगों के माथे पर तिलक लगाए।
राम नवमी पर श्री राम के साथ माता सीता की पूजा करने से साधक को हर कष्ट से मुक्ति मिलती है, सुख समृद्धि मिलती है। इसके साथ ही इस दिन मां दुर्गा के नौवें स्वरूप मां सिद्धिदात्री की पूजा करने का भी विधान है।
राम नवमी 2025 इस साल बेहद खास है। इस दिन रवि पुष्य योग के साथ सुकर्मा, रवि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इससे पूजा का फल की गुना बढ़ गया है।
पंचांग के अनुसार सुकर्मा योग सुबह से शाम 6.55 बजे तक रहेगा। इसके अलावा रवि पुष्य योग सुबह 06:18 से 7 अप्रैल को सुबह 06:17 तक रहेगा। वहीं राम नवमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:18 बजे से पूरे दिन रहेगा।
डिस्क्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारियां पूर्णतया सत्य हैं या सटीक हैं, इसका www.patrika.com दावा नहीं करता है। इन्हें अपनाने या इसको लेकर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले इस क्षेत्र के किसी विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
संबंधित विषय:
Updated on:
04 Apr 2025 03:10 pm
Published on:
02 Apr 2025 03:18 pm
बड़ी खबरें
View Allपूजा
धर्म/ज्योतिष
ट्रेंडिंग
