Sawan Somwar 2025Date:सावन 2025 का महीना भगवान शिव की भक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है। इस पावन समय में श्रद्धालु पूरी आस्था से भोलेनाथ की आराधना करते हैं, जिससे जीवन में शांति, सुख और समृद्धि का वास होता है। खासकर, सावन के सोमवार व्रत और मंगला गौरी व्रत का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व है। ये व्रत न केवल मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए रखे जाते हैं, बल्कि अच्छे जीवनसाथी, वैवाहिक सुख और सौभाग्य प्राप्ति के लिए भी बेहद फलदायी माने जाते हैं।
इस बार सावन कितने दिनों का रहेगा और इसमें कितने सोमवार और मंगला गौरी व्रत पड़ेंगे इसे लेकर लोगों में जिज्ञासा है। इसी को ध्यान में रखते हुए हमने इस विषय पर जाने-माने ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास से खास बातचीत की।उनके अनुसार, इस बार सावन में कुल कितने सोमवार और मंगला गौरी व्रत होंगे, इसकी पूरी जानकारी और इन व्रतों का महत्व को जानेंगे।
सावन 2025 में सोमवार का विशेष महत्व होता है। इसके अलावा मंगला गौरी व्रत का भी खास महत्व बताया जाता है। इसलिए ये जानना जरूरी है कि इस बार सावन में कितने सोमवार व मंगला गौरी व्रत पड़ेगे। ज्योतिषाचार्य डॉ. अनीष व्यास के अनुसार इस साल सावन में कुल चार सोमवार व्रत तथा चार मंगला गौरी व्रत पड़ेगे। जान लें, सावन 2025 का महीना 11 जुलाई 2025 से शुरू होगा और 09 अगस्त 2025 को खत्म होगा। सावन 2025 का पहला सोमवार 14 जुलाई को और सावन का अंतिम सोमवार 04 अगस्त को है।
सावन का पहला सोमवार- 14 जुलाई 2025
सावन का दूसरा सोमवार- 21 जुलाई 2025
सावन का तीसरा सोमवार- 28 जुलाई 2025
सावन का चौथा सोमवार- 4 अगस्त 2025
पहला मंगला गौरी व्रत - 15 जुलाई 2025
दूसरा मंगला गौरी व्रत - 22 जुलाई 2025
तीसरा मंगला गौरी व्रत - 29 जुलाई 2025
चौथा मंगला गौरी व्रत - 5 अगस्त 2025
पौराणिक मान्यता के अनुसार, सावन के महीने में भगवान शिव पृथ्वी पर विशेष रूप से निवास करते हैं। इस माह में सोमवार का व्रत रखना, शिवजी को जल अर्पित करना और बेलपत्र चढ़ाना अत्यंत शुभ माना जाता है। कुंवारी कन्याएं इस व्रत को भगवान शिव को आदर्श पति मानकर करती हैं ताकि उन्हें उत्तम वर प्राप्त हो सके। वहीं, विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और परिवार की समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं। इस बार सावन का शुभारंभ सोमवार से हो रहा है, जिससे यह व्रत और भी पवित्र और फलदायक माना जा रहा है। शिवभक्त पूरे महीने व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक कर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
यह व्रत विशेष रूप से नवविवाहित महिलाएं करती हैं। यह दिन माता पार्वती के पूजन के लिए समर्पित होता है। माना जाता है कि मंगला गौरी व्रत से वैवाहिक जीवन सुखमय होता है और पति की आयु लंबी होती है। माता गौरी को सौभाग्य और समृद्धि की देवी माना जाता है, इसलिए इस दिन महिलाएं हल्दी-कुमकुम, श्रृंगार सामग्री और मिठाई आदि से माता की पूजा करती हैं।
Published on:
23 Jun 2025 01:00 pm