
इस महा उपाय से काल भैरव होंगे प्रसन्न, हर मुराद होगी पूरी
काल भैरव ( kaal bhairav ) देवों के देव महादेव ( Lord Shiva ) के अवतार माना जाते हैं। कहा जाता है कि काल भैरव अष्टमी ( kaal bhairav ashtami ) वाले दिन ही भगवान काल भैरव का जन्म हुआ था। हर माह के कृष्णपक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी ( Kalashtami ) कहा जाता है। इस दिन काल भैरव का पूजन किया जाता है और व्रत भी रखा जाता है। इस विशेष रुप से भगवान भैरव की पूजा की जाती है। तांत्रिक साधुओं के अनुसार, तंत्र-मंत्र के लिए भगवान भैरव की साधना बहुत ही शक्तिशाली होती है। इस बार काल भैरव की विशेष पूजा 25 जून 2019 को मनाई जाएगी।
माना जाता है कि भगवान काल भैरव एक ऐसे देवता हैं जिनकी अगर साधना की जाए तो भक्तों के ऊपर किसी भी प्रकार की विपत्ति नहीं आती है, भक्तों के ऊपर से सभी प्रकार की बाधाएं, भूत-प्रेत, जादू-टोना आदि का खतरा दूर होता है। कहा जाता है कि अगर आप कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा करते हैं तो इनकी पूजा के साथ-साथ मां दूर्गा की पूजा जरूर करें। वैसे हमारे शभर में बहुत से माता के शक्तिपीठ मौजूद है और इन सिद्ध पीठ में देवी के दर्शन करने के पश्चात भगवान काल भैरव ( kaal bhairav temple ) के दर्शन करना बहुत ही जरूरी माना गया है।
माना जाता है कि जो भक्त भैरव की प्रतिदिन आराधना करता है, उसके जीवन के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, काल भैरव का वाहक कुत्ता है। अगर आप काल भैरव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आप कुत्ते को मीठी रोटी खिलाएं। ऐसा करने से काल भैरव प्रसन्न रहेंगे। साथ ही शनिदेव की भी कृपा प्राप्त होगी।
अगर आप इच्छाओं को पूरा करना चाहते हैं तो कालाष्टमी के दिन भगवान शिव की पूजा करके भी काल भैरव का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। क्योंकि काल भैरव भगवान शिव के ही अंश हैं। इसके अलावे कालाष्टमी के दिन 21 बेलपत्र पर चंदन से 'ऊँ नम: शिवाय' लिखकर शिवलिंग पर आर्पित करें और भगवान शिव की पूजा करें। ऐसा करने से काल भैरव प्रसन्न रहेंगे और आपकी सभी मुरादे पूरी करेंगे।
काल भैरव भगवान शिव के अवतार तो माने जाते ही हैं, इसके साथ ही उन्हें मां दुर्गा से भी वरदान प्राप्त है। जिसके अनुसार, भैरव की पूजा के बिना मां दुर्गा का पूजन भी अधूरा माना जाएगा। इसलिए भैरव अष्टमी के दिन भैरव चालीसा का पाठ करना बहुत अच्छा माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन भैरव चालीसा पढ़ने से मन के सभी डर दूर हो जाते हैं। अगर आप कालाष्टमी से लेकर 40 दिनों तक काल भैरव के मंदिर में जाकर दर्शन करते हैं और इनकी पूजा करते हैं तो इच्छित फलों की प्राप्ति होती है।
Published on:
23 Jun 2019 02:54 pm
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