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दक्षिण भारत की तर्ज पर स्वर्ण मंडित होगा विश्वनाथ मंदिर

 कमिश्नर की बैठक में हुआ फैसला, तिरुपति की तर्ज पर लगेगी हुंडी।

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Ajay Chaturvedi

Jan 16, 2016

वाराणसी.
श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर दक्षिण भारतीय मंदिरों की तर्ज पर होगा स्वर्ण मंडित। हालांकि इसके लिए विशेषज्ञों की ली जाएगी सलाह। इतना ही नहीं आये दिन की गड़बड़ियों के मद्देनजर अब तिरुपति बाला जी मंदिर की तर्ज पर यहां भी हुंडी लगेगी। यह फैसला शनिवार को कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।


मंदिर के पास है नौ किलो सोना

कमिश्नर के कैंप कार्यालय पर हुई बैठक में बाबा को मिलनें वाले दान एवं वसीयत को संरक्षित करने पर शिखरों को स्वर्ण मण्डित करनें पर विचार हुआ। साथ ही बताया गया कि मंदिर के पास नौ किलो सोना है। ऐसे में मंदिर को कैसे स्वर्ण मंडित किया जाए इस पर भी विचार किया गया। राय बनी कि दक्षिण भारतीय मंदिरों तथा वहां के विशेषज्ञों से इस बिंदु पर मशविरा किया जाए। विशेषज्ञों की राय पर ही मंदिर को स्वर्ण मंडित किया जाय। न्यास के द्वारा सिक्का बनाने और उस पर आनें वाले खर्च, पीतल या तांबे के कलश मंगाने तथा लकड़ी के कटघरे के बराबर ही लोहे का कटघरा बनाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया गया।


बाबा विश्वनाथ को अमूल और पराग का दूध चढ़ाने पर रोक
इसके अलावा ⁠⁠विश्वनाथ मंदिर में बिजली कार्य के लिए बिजली मिस्त्री को संविदा पर रखने, भण्डार गृह में सामग्रियों के रख रखाव, नए खाते न खोलने, अर्चकों के मानदेय बढाने पर एवं उपस्थिति के आधार पर मानदेय देने और सेवा नियमावली के संबंध में सभी न्यासियों के साथ मिटिंग करने, मंदिर व्यवस्था एवं साफ सफाई, मंदिर में चढाये जाने वाले गुणवत्तायुक्त कच्चे दूध व दही के लिए किसी गौशाला से कांट्रैक्ट करने, पराग या अमूल के दूध चढानें पर रोक लगाने पर भी विचार किया गया। साथ ही मंदिर के खुलने व बंद होने का समय निर्धारित करने, पूजा पाठ में पंचोपचार एंव षोडसोपचार विधि अपनाकर पूजा को और विशेष बनाने, पूजा के लिए नये आचार्य एंव शास्त्रियों की नियुक्ति जो कम से कम पी.एच.डी हो तथा उसके लिए 6 माह का प्रशिक्षण चन्द्रमौली द्वारा दिलाने, बाबा की डायरी और कैलेंडर छपवाकर उसके वितरण करने पर विचार किया गया। अब इन प्रस्तावों को शासन को भेजा जाएगा ताकि इस पर मुहर लग सके।

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