इस बयान में आरोपी की पहचान का खुलासा नहीं किया गया है। उसकी उम्र नहीं बताई गई है। यह भी जिक्र नहीं किया गया है कि उस पर और कौन-कौन से आरोप तय किए गए हैं। उसकी गिरफ्तारी कैसे हुई, इस बात का जिक्र भी बयान में नहीं है। यहां तक कि अदालत की कार्यवाही का भी कोई विवरण उपलब्ध नहीं हुआ है।
बता दें मामले में पहली गिरफ्तारी फरवरी में हुई थी। तब हारुना याहया (35) को अपहरण में अपनी भूमिका मानने पर 15-15 साल कैद की दो सजाएं सुनाई गई थीं। याहया और युसूफ दो आरोपियों को काइंजी की मिलिट्री बैरक में लगी विशेष सिविल अदालत में पेश किया गया था।
बताते चलें, इससे पहले नाइजीरिया के बोको ***** में इसी साल फरवरी में जेहादियों ने 110 स्कूली लड़कियों का अपहरण कर लिया था। जिनमें से मार्च में 76 लड़कियों को रिहा कर दिया था। बाद में सरकार और जेहादियों में बातचीत के जरिए मामले को सुलझाने का प्रयास किया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार- आतंकी सेना की वर्दी में स्कूल में घुसे थे और उन्होंने 110 छात्राओं का अपहरण कर लिया था। इसके बाद राष्ट्रपति ने इस घटना पर माफी मांगी थी और इसे राष्ट्रीय त्रासदी कहते हुए इस पर शर्मिंदगी जताई थी। नाइजीरिया में सरकार और बोकोहराम के बीच पिछले 9 साल से लड़ाई जारी है। ऐसी घटनाओं से वहां की सरकार के दावों पर भी कई तरह के सवाल उठाए जाते रहे हैं।