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शव यात्रा में होती थी परेशानी… शिक्षक की पहल ने खोजा नया रास्ता

शिक्षक की पहल पर आगे आए शहरवासी - अंतिम यात्रा वाहन के लिए जमा किए पौने दो लाख

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Diesel theft from the vehicle in bhilwara

आगर-मालवा. शहर के श्मशान एवं रहवासी क्षेत्रों के बीच की दूरी व अंतिम यात्रा के समय परिजनों के समक्ष निर्मित होने वाली समस्याओं को लेकर एक शिक्षक ने सोशल मीडिया पर मार्मिक पोस्ट डाली तो शहरवासी बढ़-चढ़कर इस अभियान में हिस्सा लेने के लिए जुट गए। एक ही दिन में ११४ लोग स्वेच्छा से शव वाहन लाने के लिए आर्थिक मदद करने के लिए आगे आ चुके हैं। यह सिलसिला आगे बढ़ता ही जा रहा है।

मार्मिक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा

मास्टर कॉलोनी निवासी शिक्षक रजनीश स्वर्णकार ने पोस्ट में मार्मिक शब्दों का उपयोग करते हुए कहा था कि विगत कुछ माह में ३-४ अंतिम यात्राओं में सम्मिलित होन का दु:खद योग रहा। इस पर भारी पीड़ा यह हुई कि शव यात्रा में पर्याप्त लोग थे फिर भी अर्थी को कांधा देने वालो का अभाव महसूस हुआ। जिला बनने के बाद नगर का विस्तार हुआ है। विवेकानंद नगर, विनायक सिटी, एकता नगर, मालीखेड़ी रोड आदि क्षेत्रों से श्मशान की दूरी तीन से पांच किमी है। ऐसी दशा में कंधा देने वाले कुछ लोग ही होते हैं जो परेशान हो जाते हैं। श्मशान स्थल के सौंदर्यकरण से पहले शव वाहन की आवश्यकता महसूस होने लगी है। बगैर किसी शासकीय सहायता के नगर के सभी लोग यथायोग्य सहयोग कर समस्या का हल करने के लिए आगे आए।
सबसे पहले स्वयं ने की पहल
स्वर्णकार ने यह पोस्ट डालने के साथ ही ५ हजार रुपए शव वाहन के लिए देने की घोषणा की उसके बाद नपाध्यक्ष प्रतिनिधि पिंटू जायसवाल ने ११ हजार देने का भरोसा दिलाया। बस इसके बाद यह सिलसिला आरंभ हो गया और सोमवार शाम ६ बजे तक ११४ लोग अभियान में जुट गए और राशि देने की सहमति दी। ११४ लोगों ने १ लाख ७२ हजार ९७१ रुपए दिए जाने को कहा। जहिर खान ने भी ११०० रुपए दिए जाने की घोषणा की।