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इस कारण आने वाले दिनों में लेट होंगे सारे त्यौहार, जाने क्या है वजह

सभी पर्व एवं त्योहारों के आने में होगी देरी, 19 साल बाद ज्येष्ठ में आ रहा अधिक मास, 17 से 19 दिन देरी से आएंगे राखी, नवरात्रि, दिवाली

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सुसनेर. इस बार ज्येष्ठ मास में अधिक मास (पुरुषोत्तम मास) है। यह 16 मई से 13 जून तक रहेगा। अधिक मास के कारण इस बार तीज-त्योहार पिछले साल की अपेक्षा 17 से 19 दिन तक देरी से आएंगे। ज्येष्ठ अधिक मास 19 साल बाद आ रहा है। 1999 में ज्येष्ठ मास में अधिक मास आया था। अगली बार 2037 में फिर से ज्येष्ठ अधिक मास आएगा। पंडितों के अनुसार करीब तीन साल (32 माह, 16 दिन और चार घड़ी) के अंतर से अधिक मास आता है। 2015 में आषाढ़ माह में अधिक मास आया था। उसके बाद अब 2018 में आ रहा है। अधिक मास में प्रतिष्ठा कर्म, विवाह आदि मंगल कार्य वर्जित है। व्रत, दान, उपवास, पारायण आदि कार्य का अक्षय पुण्य मिलता है।

पंडित गोविन्द शर्मा के अनुसार सौर मास 365 दिन का होता है, जबकि चांद्रमास 354 दिन का। इस अंतर को पूरा करने के लिए हमारे धर्मशास्त्रों में अधिक मास की व्यवस्था की गई है। यह 32 माह, 16 दिन और चार घड़ी के अंतर से आता है। धर्मशास्त्र, ज्योतिर्विज्ञान की मान्यता है कि जिस महीने में सूर्य की संक्रांति नहीं होती है, वह मास अधिक मास के नाम से जाना जाता है।

ज्येष्ठ मास में कब-कब आया अधिक मास
1981, 1999 में अब इस साल 2018 में फिर 2037 में आएगा।
2015 में आषाढ़ में अधिक मास आया था। इस बार के बाद तीन साल बाद आश्विन मास में अधिक मास आएगा।

32 महीने और 16 दिन मेें आता है अधिक मास

पिछले साल की अपेक्षा इस साल कब- कब आएंगे प्रमुख त्योहार
तीज-त्योहार 2017 - 2018
भड़ली नवमी 2 जुलाई 21 जुलाई
देवशयन काल 4 जुलाई 23 जुलाई
गुरु पूर्णिमा 9 जुलाई 27 जुलाई
श्रावण मास 10 से 28 जुलाई 7 से 26 अगस्त
नागपंचमी 27 जुलाई 15 अगस्त
रक्षाबंधन 7 अगस्त 26 अगस्त
जन्माष्टमी 15 अगस्त 3 सितंबर
गणेश चतुर्थी 25 अगस्त 13 सितंबर
अनंत चतुर्दशी 5 सितंबर 23 सितंबर
श्राद्धपक्ष 6 से 25 सितंबर 20 सितंबर से9 अक्टूबर
नवरात्रि 2६ सितंबर १८ अक्टूबर
विजयादशमी 30 सितंबर 19 अक्टूबर
शरद पूर्णिमा 4 अक्टूबर 23 अक्टूबर
करवा चतुर्थी 8 अक्टूबर 27 अक्टूबर
धनतेरस 17 अक्टूबर 5 नवंबर
दीपावली 19 अक्टूबर 7 नवंबर
(पंडितों से मिली जानकारी के अनुसार)