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2500 रुपए में पांच सौ किलोमीटर की यात्रा वाली केंद्र सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) यानी 'उड़ान' के तहत पहले दौर के लिए पांच एयरलाइंसों को 128 रूटों का गुरुवार को आवंटन कर दिया गया। नागरिक उड्डयन मंत्री अशोक गजपति राजू ने रूटों के आवंटन की घोषणा की और एयरलाइंसों को आवंटन प्रमाणपत्र दिए।
उन्होंने कहा कि आरसीएस के तहत पहली फ्लाइट अप्रेल में शुरू होने की उम्मीद है जबकि विमान सेवा कंपनियों को उड़ान शुरू करने के लिए अधिकतम छह महीने का समय दिया गया है। इससे मौजूदा नेटवर्क में 31 नए एयरपोर्ट जुड़ सकेंगे जबकि प्रति सप्ताह सात से कम फ्लाइट वाले 12 एयरपोर्ट पर यातायात बढ़ेगा।
एयर इंडिया की सहयोगी एयरलाइन अलाइड सर्विसेज लिमिटेड के आठ प्रस्ताव स्वीकार किए गए जिसके तहत उसे 15 रूटों का आवंटन किया गया है। स्पाइस जेट को छह प्रस्तावों के तहत 11 रूटों, टर्बो मेघा एयरवेज प्राइवेट लिमिटेड को चार प्रस्तावों के तहत 18 रूटों, एयर डेक्कन को चार प्रस्तावों के तहत 34 रूटों और एयर ओडिशा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को पांच प्रस्तावों के तहत 50 रूटों का आवंटन किया गया है। बोली प्रक्रिया के आरंभिक चरण में 43 वैध प्रस्ताव मिले थे जिनमें अंतत: 27 प्रस्तावों के तहत 128 रूटों का आवंटन किया गया है।
उड़ान के तहत जिन छोटे शहरों के हवाईअड्डों से उड़ानों का संचालन होगा वहां की सरकारों से सहमति समझौते किए गए हैं जिसके तहत राज्य सरकार विमान ईंधन पर मूल्य वद्र्धित कर (वैट) घटाकर एक प्रतिशत करेगी। इसके अलावा बिजली-पानी और सुरक्षा का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
एयरलाइंसों को कोई हवाईअड्डा शुल्क भी नहीं देना होगा। इसके बावजूद एयरलाइंसों को होने वाले नुकसान की भरपाई वायेबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) के जरिए की जानी है जिसके लिए मौजूदा व्यस्त हवाई मार्गों पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने बताया कि पहले दौर में आवंटित किए गए मार्गों पर पहले साल में वीजीएफ के तहत 205 करोड़ रुपए का खर्च आने की उम्मीद है। इससे घरेलू मार्गों उपलब्ध सीटों की संख्या में 13 लाख (लगभग दो प्रतिशत) की वृद्धि होगी।
नागरिक उड्डयन सचिव राजीव नयन चौबे ने बताया कि उड़ान को मिले जबरदस्त प्रतिसाद के बाद सरकार ने जल्द ही दूसरे दौर की बोली प्रक्रिया शुरू करने का फैसला किया है। साथ ही उसने अगले दो साल में छोटे और मध्यम शहरों में 50 हवाईअड्डों को नियमित उड़ानों के लिए विकसित करने की योजना भी बनाई है। 'उड़ान' के तहत 151 से 175 किलोमीटर की दूरी के लिए अधिकतम किराया 1,420 रुपए होगा।
हर 25 किलोमीटर की बढ़ती दूरी के हिसाब से किराया बढ़ता जाएगा। 476 से 525 किलोमीटर के लिए अधिकतम किराया 2,500 रुपए और 776 से 800 किलोमीटर के लिए 3,500 रुपए होगा। डेढ़ सौ किलोमीटर से कम और 800 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी आरसीएस के दायरे में नहीं रखी गई है। आरसीएस रूट पर हेलीकॉप्टर सेवा के लिए आधे घंटे तक की उड़ान का अधितम किराया 2,500 रुपए तथा 56 से 60 मिनट तक की उड़ान के लिए पांच हजार रुपए रखा गया है।
Published on:
30 Mar 2017 05:56 pm
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