फिरोजाबाद के सूचना विभाग में चौकीदार के पद पर तैनात दया शंकर (मौजूदा अपर जिला सूचना अधिकारी ) तीन नवंबर 2014 में नियम विरुद्ध प्रमोशन पाकर अपर जिला सूचना अधिकारी बन गए। छह साल से दयाशंकर विभिन्न जिलों में काम कर चुके हैं। आपको बता दें कि अतुल कुमार शुक्ला ने उच्च न्यायालय इलाहाबाद में एक रिट संख्या 8717-2020 मे उत्तर प्रदेश सरकार और तीन अन्य लोगों को पार्टी बनाकर अपने वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश चन्द्र तिवारी के द्वारा फीरोजाबाद, बरेली, मथुरा, भदोई जिलों के क्रमश चपरासी, चौकीदार, सिनेमा ऑपरेटर आदि ने गलत तरीके से आरक्षण का लाभ लेकर व कूट रचित दस्तावेज़ तैयार कराकर सूचना विभाग लखनऊ में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत से चौकीदार, चपरासी सीधे आउट ऑफ टर्न प्रमोशन पाकर अपर जिला सूचना अधिकारी बन गए।
वहीं दूसरी ओर याचिका कर्ता अतुल कुमार शुक्ला के उच्च न्यायालय इलाहाबाद के वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश चन्द्र तिवारी ने तीन घंटे कोर्ट नंबर 83 मे लगातार बहस की। उसके बाद उच्च न्यायालय ने सीनियर जज अजय भनोट ने माना कि फीरोजाबाद मे दया शंकर, मथुरा मे विनोद कुमार शर्मा, बरेली मे नर सिंह व (भदोही) संतकबीर नगर मे अनिल कुमार सिंह ने गलत तरीके व सरकारी सेवा नियमावली नियम विरुद्ध से प्रमोशन व नियुक्ति पाकर पद को हासिल किया है। यह आदेश सीनियर जज अजय भनोट ने उत्तर प्रदेश सरकार को स्पष्ट रूप से 19 अक्टूबर को दिया है। इन सभी चार जिलों के चार कार्मिकों चौकीदार, चपरासी, ऑपरेटर पद तैनात कार्मिको ने 2014 मे गलत तरीके से सेवा नियमावली के विरुद्ध प्रमोशन कराकर नियुक्ति पायी थी जो पूर्ण रूप से गलत है। साथ ही स्पष्ट आदेश मे लिखा है इन चार जिलों के कार्मिको को पुनः मूल पद यानि कि चौकीदार, चपरासी, ऑपरेटर पद पर तैनाती कर सरकार न्यायालय को अवगत कराएं।
उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेश के अनुक्रम में उत्तर प्रदेश सरकार के पत्र संख्या 1291/उन्नीस-1-20-12रिट/2020 दिनांक 09/12/2020 द्वारा निर्देशों के अनुपालन मे फीरोजाबाद, मथुरा, बरेली, संत कबीर नगर के अपर जिला सूचना अधिकारी फीरोजाबाद दयाशंकर को चौकीदार, बरेली के नर सिंह को चपरासी, मथुरा के विनोद कुमार शर्मा को ऑपरेटर,संत कबीर नगर के अनिल कुमार सिंह को ऑपरेटर को इन्ही पदों पर आसीन करने का आदेश दिया 6 जनवरी 2020 को दिया है। इस मामले में डीएम चन्द्र विजय का कहना है कि कोर्ट के आदेशानुसार कार्रवाई की जाएगी। वहीं अपर जिला सूचना अधिकारी के पद पर कार्य कर रहे चौकीदार दयाशंकर का कहना है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा पत्र फर्जी है।