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#Personoftheweek आगरा के लिए संसद में लगातार गरज रहे SP Singh Baghel

-दिसम्बर से आगरा के लिए हवाई उड़ान की घोषणा कराई-20 लाख मंगलामुखियों के हक की आवाज उठाई-केंद्र सरकार NGT में पैरवी करे तो समस्या हल हो

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आगरा

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Dhirendra yadav

Aug 07, 2019

Personoftheweek

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आगरा। ताजमहल (Tajmahal) का शहर आगरा (Agra) हर वक्त सुर्खियों में रहता है। हर सप्ताह बहुत कुछ खास होता है। बहुत से लोग अखबारों की सुर्खियों में छाये रहे, लेकिन सबसे अधिक चर्चा में रहे आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल (SP Singh Baghel)। आगरा के लिए वे लोकसभा (Lok sabha) में लगातार गरजते रहे। इतना ही नहीं, 20 लाख मंगलामुखियों (Transgenders) की आवाज भी बुलंद की। आगरा के लिए हवाई सेवा (Air service) शुरू करने की घोषणा भी उनके प्रयासों से हुई। आइए जानते हैं प्रो. एसपी सिंह बघेल (Prof SP Singh Baghel) क्यों चर्चित रहे patkika.com के स्पेशल प्रोग्राम पर्सन ऑफ द वीक (Person of the week ) में।

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पॉक्सो एक्ट में बदलाव का समर्थन
1 अगस्त को “ द प्रोटेक्शन ऑफ सेक्सुअल ऑफेन्सेंस अमिडमेंट बिल 2019” यानि पॉक्सो एक्ट पर लोकसभा में बहस में हिस्सा लेते हुए आगरा के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने इस एक्ट में बदलाव का समर्थन किया। उन्होंने इस बिल में बदलाव का स्वागत करते हुए कहा कि ये एक्ट 2012 से ज्यादा बेहतर है, लेकिन इसमें भी और सुधार की गुंजायश है, जिससे आईओ को सहूलियत मिल सके। “ द प्रोटेक्शन ऑफ सेक्सुअल ऑफेन्सेंस अमिडमेंट बिल 2019” पर पूरे दिन बहस हुई। इस बहस में आगरा के सांसद ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने इस पॉक्सो एक्ट में बदलाव का स्वागत किया उन्होंने कहा कि ये बिल 2012 अमिडमेंट से ज्यादा बेहतर है। उन्होंने महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने जब इस बिल को पेश किया तो उनमें महिला एवं बाल विकास मंत्री के साथ ही रक्षा एवं गृह मंत्री की भी झलक मिली। इसके साथ ही उन्होंने एक मां और बहन की झलक दिखाते हुए इस बिल को पेश किया है।

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3 अगस्त को हवाई सेवा की घोषणा कराई
प्रो. एसपी सिंह बघेल ने आगरा इंटनरेशनल एयरपोर्ट का मुद्दा तो उठाया ही, साथ ही बड़ी सफलता भी अर्जित कर ली। 3 अगस्त को आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल की मांग पर लोकसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आगरा-लखनऊ, आगरा-वाराणसी, आगरा-बेंगलुरू और आगरा-भोपाल की उड़ान दिसंबर में शुरू करने की घोषणा कर दी। सांसद बघेल ने लोकसभा में कहा कि आगरा की आर्थिक विपन्नता का एक कारण आगरा से अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का न होना है। सांसद बिल फॉर प्रेसीडेंट इन पासिंग डे एयरपोर्ट इकॉनिमिकल रेगूलेटरी एक्ट के पक्ष में बोले। सांसद ने कहा कि आगरा के लिए 1972 में दिल्ली से वाया आगरा खजुराहो, वाराणसी और नेपाल के लिए उड़ान थी, पिछले 47 सालों में यमुना और गंगा से काफी पानी बह चुका है, लेकिन आगरा एयर कनेक्टिविटी जस की तस है। इतना ही नहीं सांसद ने साफ कहा कि आगरा व्हाइट कैटेगिरी में है, जिससे ताजमहल अब आगरा के लोगों के लिए वरदान नहीं अभिशाप बनता जा रहा है। केंद्र सरकार एनजीटी में बेहतर पैरवी करे तो आगरा की समस्या हल हो सकती है।

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6 अगस्त को मंगलामुखियों की आवाज बुलंद की
लोकसभा में उभयलिंगी यानि मंगलामुखियों के अधिकारों के संरक्षण विधेयक पर आगरा के सांसद प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल ने अपनी बात रखी। उन्होंने संसद में ताली पीट रहे कांग्रेस सांसदों पर जमकर तंज कसा। बिल के समर्थन में अपनी बात रखते हुए कहा कि इस विधेयक से देश के करीब 20 लाख ट्रांसजेंडर्स को समानता, शिक्षा और रोजगार का अधिकार मिल जाएगा।सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने जैसे ही सदन में उभयलिंगी संरक्षण बिल के पक्ष में अपनी बात रखनी शुरु की, कांग्रेसजनों ने लोकसभा में हंगामा शुरु कर दिया। इस पर तंज कसते हुए सांसद ने कहा कि मंगलामुखियों के वेलफेयर का ये विधेयक है, इनकी बद्दुआ लग गयी तो जहां हैं, वहां से भी गायब हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि इस विधेयक के बाद अब मंगलामुखियों को सामाजिकता और शिक्षा के साथ ही चिकित्सा और रोजगार का अवसर मुहैया होगा। इसलिए उनको भी अब ताली बजाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, इसलिए विपक्षी ताली बजाकर उनका काम न करें। सांसद ने इस विधेयक के पक्ष में दलील देते हुए कहा कि लोहिया का गैर बराबरी, बाबा साहब का समतामूलक समाज और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय की झलक देखने को मिल रही है । सांसद ने कहा कि संविधान शिल्पियों से आखिर गलती कैसे हो गयी। संविधान बहुत ही विद्वान लोगों ने लिखा है। सांसद ने कहा कि आर्टिकल–14 में समानता का अधिकार है, जिसमें पुल्लिंग और स्त्रीलिंग का तो वर्णन है, लेकिन उभयलिंगी का वर्णन नहीं है। आखिर 19 से 20 लाख की आबादी अधिकारों से वंचित कैसे रह गयी। इस आबादी को आज न्याय देने का काम पीएम मोदी और सामाजिक अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने किया है।

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