11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नाराज बुजुर्ग ने डीएम के नाम कर दी करोड़ों की संपत्ति, पूरा आगरा चौंक गया

- वक्त बदल रहा। संभाल जाएं। मां-बाप की सेवा नहीं करने पर आपको भारी नुकसान का सामना करना पड़ेगा। आगरा में एक ऐसा ही उदाहरण देखने को मिला। जहां बेटों के नजरअंदाज करने पर पिता ने अपनी पूरी सम्पति को डीएम के नाम कर दिया।

2 min read
Google source verification
नाराज बुजुर्ग ने डीएम के नाम कर दी करोड़ों की संपत्ति

नाराज बुजुर्ग ने डीएम के नाम कर दी करोड़ों की संपत्ति

आगरा. यह एक ऐसी घटना है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी की समाज किस तेजी से बदल रहा है। यूपी में वृद्धाश्रमों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। पुत्र मोह, संकोच और दुनिया की लाज शर्म की वजह से से बहुत सारे बुजुर्ग मां-बाप अपने बेटे बेटियों के नाम धन दौलत सौंप कर खुद वृद्ध आश्रम में जीवनयापन करने चले जाते हैं। और दुनियाभर के कष्ट को सहते रहते हैं। पर आगरा में एक बुजुर्ग पिता ने ऐसी मिसाल पेश की। जिसने भी इसे सुना उसने बुजुर्ग पिता की हिम्मत को सराहा और बेटों की जमकर निंदा की। आगरा में एक बुजुर्ग पिता अपने बेटों की नाफरमानी से इतना नाराज हो गए कि, अपनी 3 करोड़ रुपए की संपत्ति को आगरा डीएम के नाम कर दी। इस घटना की पूरे शहर में चर्चा हो रही है।

मामला यह है:- मामला थाना छत्ता अंतर्गत निरालाबाद पीपल मंडी के निवासी गणेश शंकर पांडे (Ganesh Shankar Pandey) का है। गणेश शंकर पांडे ने अपने भाई नरेश शंकर पांडे, रघुनाथ और अजय शंकर के साथ मिलकर वर्ष 1983 में 1 हजार गज जमीन पर आलीशान घर बनवाया। मकान की कीमत लगभग 13 करोड़ है। चारों भाइयों में बंटवारे के बाद गणेश शंकर के हिस्से में मकान का चौथाई हिस्सा आया। जिसकी कीमत आज के वक्त करीब 3 करोड़ रुपए है।

बेटों ने तोड़ा नाता :- गणेश शंकर पांडे ने बताया कि, उनके दो बेटे हैं, जो घर में रहते हुए भी उनका ध्यान नहीं रखते हैं। दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें अपने तीन भाइयों पर आश्रित होना पड़ा रहा है। जब बेटों को समझाया गया तो बेटों ने उनसे नाता तोड़ दिया। इस बात से खफा होकर अपनी सारी संपत्ति डीएम आगरा के नाम कर दी।

बेटे नहीं भाई बने सहारा :- उनके इस कदम का भाइयों को कोई ऐतराज नहीं हुआ। वर्तमान में वो अपने भाइयों के साथ रह रहे हैं और एक ही घर में होते हुए बेटों से दूर हैं।

सिटी मजिस्ट्रेट कहा मिली रजिस्ट्री :- दरअसल गणेश शंकर ने अगस्त 2018 में डीएम आगरा के नाम मकान की वसीयत कर दी थी। जनता दर्शन कार्यक्रम में उन्होंने सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान को इस वसीयत की रजिस्ट्री सौंपी दी है। सिटी मजिस्ट्रेट प्रतिपाल चौहान ने बताया कि, उन्हें डीएम आगरा (dm agra) के नाम की वसीयत प्राप्त हुई है। जिसकी कीमत लगभग 3 करोड़ रुपए है।

प्रयागराज में चार दलितों की निर्मम हत्या पर बिफरी मायावती कहा, सपा के नक्शेकदम पर चल रही है भाजपा