
atal pension yojana
प्राइवेट नौकरी वालों को अक्सर ये टेंशन रहती है कि बुढ़ापे में उनका क्या होगा क्योंकि नौकरी खत्म तो आमदनी खत्म। भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पेंशन जैसी कोई सुविधा उनके पास नहीं होती। ऐसे लोगों की मदद के लिए मोदी सरकार ने वर्ष 2015 में 'Atal Pension Yojana' शुरू की थी। इस योजना का नाम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर रखा गया था। इस योजना के तहत ऐसे लोग जो निजी व्यवसाय या प्राइवेट जॉब करते हैं और जिनके पास सेवानिवृत्ति के बाद आय का कोई जरिया नहीं है, वे बुढ़ापे में पेंशन के रूप में इस योजना का लाभ ले सकते हैं। जानिए योजना से जुड़ी खास बातें।
18 से 40 वर्ष की उम्र के लोग करें निवेश
ऐसे लोग जिनकी उम्र 18 साल से 40 साल के बीच है, वे इसमें निवेश कर सकते हैं। इस योजना में 1000 से लेकर 5000 तक की सालाना किश्त को पांच सालों तक जमा करना होता है। व्यक्ति इस रकम को मासिक किश्त या सालाना किश्त के रूप में जमा कर सकता है।
60 के बाद मिलेगी पेंशन
इस योजना में जितनी राशि व्यक्ति द्वारा जमा की जाती है उसका 50 प्रतिशत सरकार जमा करेगी। दोनों की मिलाकर कुल राशि में से 60 साल की उम्र के बाद उसे पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी। व्यक्ति की उम्र व माह की किश्त के हिसाब सेउसकी पेंशन निर्धारित होगी। यदि 60 से पहले व्यक्ति की मृत्यु हो गई तो उसका नॉमिनी पेंशन का दावेदार माना जाएगा।
ऐसे करें सहभागिता
जिस बैंक में आपका खाता है वहां अटल पेंशन योजना का फॉर्म लीजिए और उसमें मांगी गई सारी जानकारी को भरिए। उसके बाद फॉर्म को बैंक शाखा में जमा कर दीजिए। उसके बाद समय पर किश्तों का भुगतान कीजिए।
ये भी ध्यान रहे
1. यदि आपने छह महीने तक किसी किश्त का भुगतान नहीं किया तो आपका खाता रोक दिया जाएगा। इसे फिर से चालू करने के लिए आपको छह माह की इकट्ठी किश्त जमा करनी होगी।
2. एक साल तक किश्त जमा न करने पर इसे बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद आपको इसे नए सिरे से शुरू कराना होगा।
3. पांच साल में यदि दो वर्ष की भी किश्त का भुगतान आप नहीं करते हैं तो आपका अटल पेंशन योजना खाता पूरी तरह बंद कर दिया जाएगा। आप इसे दोबारा नहीं खुलवा सकेंगे।
Updated on:
13 Jun 2018 02:41 pm
Published on:
13 Jun 2018 08:30 am
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