
Atal bihari vajpayee
आगरा। पूर्व प्रधानमंत्री व भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के निधन से केवल राजनीति के धुरंधर व्यक्तित्व नहीं, अपितु आध्यात्मिक जगत की जो क्षति हुई है, उसको भर पाना असम्भव है। ये कहना है श्रीमनकामेश्वर के महंत योगेश पुरी का। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री से उनका कोई ज़्यादा तो परिचय नहीं रहा, किन्तु प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए, तीन बार तिलक करने का अवसर प्राप्त हुआ।
ये बोले महंत योगेश पुरी
श्रीबाबा मनकामेश्वर नाथ मंदिर के महंत योगेश पुरी ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री atal bihari vajpayee की विनम्रता व धर्म के प्रति आस्था तथा विश्वास ने सदैव उन्हें उनके प्रति जिज्ञासु बनाये रखा। कई संस्मरण रहे। प्रथम बार पं० दीनदयाल उपाध्याय धाम पर आगरा के प्रदेश कोषाध्यक्ष रहे स्व. ओम प्रकाश महाजन द्वारा मन्दिर लोकार्पण पर यज्ञ पूजन कराने का योगेश पुरी से आग्रह किया तो वे मना न कर सके। उस पर जब यह ज्ञात हुआ, कि मन्दिर का लोकार्पण उस समय के प्रधानमंत्री अटल जी के कर कमलों से होगा, तो स्वत: ही उनका मन में एक प्रसन्नता व मिलने की उत्सुकता जाग्रत हो गयी।
अटल जी ने किया ये बड़ा कार्य
महंत योगेश पुरी ने बताया कि जब वह मेरे सामने निश्चित तिथि पर उपस्थित हुए, तो यह जानकर, कि सम्पूर्ण यज्ञ पूजन का आचार्यत्व मेरे द्वारा सम्पादित किया जा रहा है, तो उन्होंने मुझे बालक ना समझ कर प्रणाम करने का उपक्रम किया, जिसको मैंने तुरन्त उनके हाथों को अपने मस्तक से लगाया। इस क्रिया के बाद से मेरा मन- विचार- बुध्दि व आत्मा से उनकी धर्म जीवनचर्या से परिचित हो पाया। ऐसे धर्म के मर्म को जानने वाले धर्मज्ञ- मर्मज्ञ भारतरत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को नमन-प्रणाम व वंदन।
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Updated on:
18 Aug 2018 02:36 pm
Published on:
18 Aug 2018 08:02 am
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