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आगरा। नूरपुर, कैराना, फूलपुर और गोरखपुर के उपचुनावों में मिली जीत से बसपा सुप्रीमो मायावती उत्साहित हैं तो उनकी पार्टी के नुमाइंदे भी जोश से लबरेज हैं। लोकसभा 2019 में गठबंधन की आस देख रहे बसपा के निष्कासित नेताओं की उम्मीद भी बंधती दिख रही है। आगरा में मायावती द्वारा पार्टी से निष्कासित किए गए नेता अब वापसी का रास्ता तलाशते नजर आ रहे हैं और लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी के लिए बेचैन हैं।
मायावती ने गिराई थी इन पर गाज
अनुशासनहीनता का आरोप लगाकर आगरा के कई बसपा नेताओं पर मायावती ने निष्कासन का हंटर चला था। मायावती ने पूर्व मंत्री नारायण सिंह सुमन, एमएलसी वीरू सुमन, पूर्व विधायक भगवान सिंह कुशवाहा को पार्टी से निष्कासित किया था। पूर्व मंत्री नारायण सिंह सुमन ने रालोद से नाता जोड़ लिया और लोकसभा चुनाव लड़ा। वहीं खेरागढ़ से विधायक रह चुके भगवान सिंह कुशवाहा ने अभी तक किसी पार्टी को ज्वाइन नहीं किया। अब लोकसभा चुनाव आने को है और पार्टी गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने के मूड में दिख रही है। ऐसे में सभी निष्कासित नेता वापसी का रास्ता देख रहे हैं। पिछले कुछ समय से किसी भी नेता ने मायावती के खिलाफ कोई शब्दबाण नहीं चलाया है। उन्हें उम्मीद हैं कि वापसी हो सकती है इसलिए खामोश रह कर पार्टी में जाने के दिन गिन रहे हैं।
चुनाव से पहले बदल सकती है किस्मत
बसपा में निष्कासन का दंश झेलने वालों की वापसी का रास्ता भी खुला रहता है। कहावत है कि राजनीति में कोई किसी का स्थाई मित्र या शत्रु नहीं होता है। वहीं यहां चरितार्थ होता है। फिरोजाबाद के लोकसभा चुनाव में जुल्फिकार अहमद भुट्टो पर अनुशानहीनता का आरोप लगा था और उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया था। लेकिन, यूपी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने उनकी वापसी कराई। भुट्टो ने विधानसभा 2017 का चुनाव भी दक्षिण विधानसभा सीट से बसपा की टिकट पर लड़ा। ऐसे में पूर्व मंत्री, एमएलसी और पूर्व विधायक को भी वापसी की उम्मीद दिख रही है।
Updated on:
11 Jun 2018 10:38 am
Published on:
11 Jun 2018 10:36 am
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