राजनीति के जानकारों का कहना है कि एक दौर था जब चुनाव पोस्टर, बैनर, बिल्ला बांटकर लड़े जाते थे। लेकिन, भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव प्रचार को बिल्ला और पोस्टरों के दौर से बाहर निकाल कर सोशल मीडिया को जरिया बनाया है। बीजेपी की डिजिटल मीडिया टीम की अन्य दलों की तुलना में काफी मजबूत और सक्रिय है। अब नए दौर के चुनाव का रुझान को बसपा ने भी समझा है और खुद को अपडेट कर लिया है। जिसका सीधा उदाहरण बसपा सुप्रीमो मायावती भी कुछ दिन पहले टिवटर पर आईं और अब उनके संदेश और उनकी सूचनाएं सोशल मीडिया के जरिए आने लगे हैं।
बसपा सूत्र बताते हैं कि भाजपा को किसी जुमलेबाजी का पलटवार करने के लिए अलग अलग वर्ग के वौद्धिक लोगों की टीम बनाई गई है। ये टीम लगातार सोशल मीडिया पर नजर रखती है। पार्टी विरोधी बयान सामने आने पर तत्काल उसका जवाब सोशल मीडिया के माध्यम से प्रसारित किया जा रहा है। इसके अलावा भाजपा शासनकाल के आधे अधूरे विकास कार्यों, कानून व्यवस्था, शराब से हो रही मौतों आदि को मुद्दा बनाकर सोशल मीडिया पर वार छेड़ने की तैयारी चल रही है। बसपा भले की सपा के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ रही है। लेकिन, भाजपा की चुनौती से निपटने के लिए वह कई मसलों पर पार्टी की नीतियों पर चल रही है।