15 December 2025,

Monday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कभी बसपा में थे खासमखास, आज वापसी के लिए बेकरार

बसपा से विधायक बने। सपा सरकार में मंत्री बने। कांग्रेस में भी शामिल हुए। टिकट नहीं मिला तो समानता दल से चुनाव लड़ा। अब सिर्फ बसपा के रंग में हैं।

2 min read
Google source verification

image

Mukesh Kumar

Aug 18, 2016

 Chaudhry Bashir

Chaudhry Bashir

आगरा।
कभी बसपा से विधायक रह चुके चौधरी बशीर विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में दोबारा आने के लिए बेकरार हैं। बसपा में वापसी के लिए उन्होंने काम भी शुरू कर दिया है। वो अब होर्डिंग और बैनर के जरिए बसपा सुप्रीमो मायावती तक अपनी बात पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। 21 अगस्त को बसपा सुप्रीमो मायावती के रैली स्थल पर भी इनके होर्डिंग लगे हुए हैं।


कभी बसपा के खास नेताओं में थे शूमार

आगरा छावनी विधानसभा सीट पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने 2002 के विधानसभा में चौधरी बशीर को टिकट दिया था। चौधरी बशीर ने लगातार तीन बार भाजपाा से विधायक रहे केशो मेहरा को हराकर ये सीट बसपा के खाते में डाल दी। चौधरी बशीर विधानसभा पहुंचे। युवा चौधरी बशीर का कद भी उन दिनों तेजी से बढ़ रहा था। इसी दौरान उनकी शादी कानपुर की विधायक गजाला के साथ हो गई। इस शादी में मध्यस्थता खुद बसपा सु्प्रीमो मायावती ने की थी।


बसपा को रास नहीं आया बशीर का धोखा

2003 में चौधरी बशीर और उनकी पत्नी गजाला दोनों ही सपा में शामिल हो गए। सपा ने इन्हें हाथों हाथ ही नहीं लिया, बल्कि पति-पत्नी दोनों को मंत्री बना दिया। चौधरी बशीर का धोखा बसपा के समर्थकों को रास नहीं आया। यूपी विधानसभा 2007 में चौधरी बशीर को सपा ने छावनी विधानसभा से चौधरी बशीर को फिर चुनाव मैदान में उतारा। उधर बसपा ने जुल्फिकार अहमद भुट्टो पर दांव लगाया। बसपा का इस बार भी इस सीट पर परचम लहरा, लेकिन चौधरी बशीर की बुरी तरह हार हुई।


कांग्रेस से नहीं मिला सहारा

चौधरी बशीर ने 2009 में कांग्रेस ज्वाइन कर ली। राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की। उम्मीद थी कि 2012 में कांग्रेस से टिकट मिल जाएगा, लेकिन वहां भी उनकी दाल नहीं गली तो कांग्रेस छोड़ दी। बसपा में वापसी नहीं हो रही थी, इसलिए समानता दल से आगरा दक्षिण से चुनाव मैदान में उतरे। इस सीट पर दो मुस्लिम प्रत्याशी होने के कारण भाजपा को फायदा हुआ और यहां से योगेन्द्र उपाध्याय ने जीत दर्ज की।


Mayawati" title="BSP supremo Mayawati" src="http://img.patrika.com/upload/images/2016/08/18/bsp-mayawati-1471528487.jpg" border="0" align="middle">


लोकसभा से पहले हुई बसपा में वापसी

लोकसभा चुनाव 2014 से पहले चौधरी बशीर की बसपा में वापसी हो गई। उधर बसपा ने फिरोजाबाद लोकसभा सीट से पूर्व विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो को टिकट देने की घोषणा की, लेकिन भुट्टो ने व्यापारिक समस्याएं बताते हुए लोकसभा चुनाव से हाथ पीछे खींच लिए। इसके बाद बसपा ने चौधरी बशीर को टिकट दिया, उसी दौरान चौधरी बशीर पर उनकी पत्नी ने मुकदमा दर्ज करवा दिया। इस मामले में चौधरी बशीर को जेल जाना पड़ा। बसपा से ​उनका टिकट कट गया। फिर से बसपा में आए, लेकिन इस बार पार्टी ने बशीर को निष्कासित कर दिया।


बसपा में वापसी की चाह

यूपी विधानसभा चुनाव 2017 से पहले अब चौधरी बशीर एक बार फिर बसपा में पहुंचने के लिए छटपटा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो उन्होंने बसपा के हर शीर्ष नेता से संपर्क कर लिया है, लेकिन उनकी दाल नहीं गल रही है। बसपा सुप्रीमो तक उनकी आवाज पहुंचाने वाला कोई नहीं है, जिसके चलते अब चौधरी बशीर ने बसपा का रंग और डॉ. भीमराव अम्बेडकर के सहारे बसपा में अपनी आस्था दिखाते हुए पूरे शहर में होर्डिंग और बैनर लगाए हैं।


ये भी पढ़ें

image