
Nitin Nabin New BJP Working President: बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन (दाएं) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। (फाइल फोटो सोर्स- नितिन नबीन/X)
BJP Acting President Nitin Naveen: बिहार सरकार में मंत्री और पटना के बांकीपुर से विधायक नितिन नबीन को भारतीय जनता पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रविवार की शाम जब यह खबर आई तो दिल्ली से लेकर पटना के सियासी गलियारों में हलचल मच गई। पटना में उनके घर और प्रदेश पार्टी मुख्यालय में जश्न का माहौल छा गया। यह पहली बार हुआ है कि बिहार से भाजपा का अध्यक्ष चुना गया है।
हालांकि, जेपी नड्डा का भी बिहार से गहरा नाता रहा है। वे पटना यूनिवर्सिटी के छात्र रहे हैं। उन्होंने इमरजेंसी के दौरान जय प्रकाश नारायण की संपूर्ण क्रांति में छात्र नेता के रूप में अहम निभाई थी। दिलचस्प बात यह भी है कि भारतीय जनता पार्टी और कार्यकारी अध्यक्ष दोनों की उम्र 45 है। साल 1980 में भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था। उसी वर्ष नितिन नबीन का जन्म भी हुआ था।
नितिन नबीन साल 2006 से बांकीपुर से विधायक का चुनाव जीतते आ रहे हैं। इस बार (2025) के बिहार विधानसभा चुनाव में उन्होंने इस सीट से रिकॉर्ड जीत हासिल की। इस सीट पर पिछले तीन दशकों से पिता-पुत्र की जोड़ी का दबदबा कायम रहा है। पिता नबीन किशोर प्रसाद सिन्हा ने लगातार यहां से चार बार (1995-2006)जीत दर्ज की। उनके देहांत के बाद हुए उपचुनाव में बेटे नितिन नबीन (सिन्हा) जीते। वह लगातार पांच विधानसभा चुनावों से लगातार जीतते रहे हैं।
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा रविवार शाम को पत्र जारी किया गया था। इसमें बताया गया था कि बीजेपी के संसदीय बोर्ड ने बिहार सरकार में मंत्री नितिन नबीन को पार्टी का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया है। बीजेपी के नए अध्यक्ष के लिए साल 2026 और 2027 चुनौतियों से भरा रहने वाला है। खासकर पश्चिम बंगाल, असम और उत्तर प्रदेश के चुनाव को देखते हुए नितिन नबीन के युवा कंधों पर जिम्मेदारी बढ़ गई है।
नितिन नबीन को राष्ट्रीय राजनीति में लाने का फैसला बीजेपी की कोई नई रणनीति का हिस्सा नहीं है। नितिन नबीन से पहले नितिन गडकरी को भी पार्टी ने अध्यक्ष बनाया था। उस समय गडकरी की आयु महज 52 साल की थी। राजनीति में 52 की आयु को युवा वर्ग में ही गिना जाता है। इसके साथ ही, जब साल 2009 में गडकरी BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने थे, तो उनकी भी राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी भूमिका नहीं थी।
इससे साफ जाहिर होता है कि बीजेपी भविष्य के लिए अपना नेतृत्व तैयार करने में जुटी है। इसकी झलक छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सीएम के चयन से भी झलकती है। पार्टी ने रमण सिंह, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान को पीछे करते हुए पार्टी ने नए चेहरों विष्णु देव साय, भजनलाल शर्मा और मोहन यादव को राज्य की कमान सौंपी, जबकि इस मामले में कांग्रेस काफी पिछड़ती नजर आ रही है।
पटना के सियासी गलियारों में कहा जाता है कि साल 2010 में जब गुजरात के सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में शामिल होने के लिए पटना पहुंचे थे, उस समय नरेंद्र मोदी को लेकर बीजेपी की तरफ से एक विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। इस विज्ञापन से सीएम नीतीश तब बेहद नाराज हुए थे। उन्होंने बीजेपी नेताओं के लिए रखा गया डिनर कैंसिल कर दिया था। यह विज्ञापन नितिन नबीन और संजीव चौरसिया ने छपवाई थी। उस समय से ही नितिन नबीन का झुकाव पीएम मोदी की तरफ रहा है।
बीजेपी हेडलाइन मैनेजमेंट में माहिर है। रविवार, 14 दिसंबर को सुबह से ही कांग्रेस पार्टी दिल्ली के रामलीला मैदान में वोट चोरी को लेकर आयोजित रैली को लेकर सोशल मीडिया और मेन स्ट्रीम मीडिया में एक नैरेटिव सेट करने में जुटी हुई थी। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस ऐतिहासिक मैदान से चुनाव आयोग, मुख्य चुनाव आयुक्त और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा, लेकिन जब शाम को बीजेपी ने अपने नए कार्यकारी अध्यक्ष का ऐलान किया तो पूरा फोकस नितिन नबीन की ओर हो गया। ट्विटर से लेकर सभी सोशल मीडिया साइट्स और मेन स्ट्रीम मीडिया में नितिन नबीन हेडलाइन बन गए।
Published on:
15 Dec 2025 02:01 pm
बड़ी खबरें
View Allबिहार चुनाव
राष्ट्रीय
ट्रेंडिंग
