
आगरा। जेवर एयरपोर्ट का लेकर सरकार करोड़ों खर्च करने के लिए अमादा है, तो वहीं दूसरी ओर दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन के सिविल एन्क्लेव को लेकर फिजूल खर्च क्यों ? अगर हिंडन को डवलेप करना है तो जेवर क्यूं ? सरकार के पास खर्च करने को पैसा नहीं है। पीपीपी मॉडल पर जेवर के लिये इन्वेस्टर नहीं हैं। हिंडन पर उत्तर प्रदेश सरकार का जीओ कुछ और ही कहानी बयां करता है। इस प्रकार के खर्च का इंटरनेशनल कम्यूनिटी खासकर एनआरआई पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। एक ओर सहायता के लिये डब्लूएचओ की लाइन में लगे हैं, वहीं दूसरी ओर हवाई अड्डों के खेल में सरकार डटी हुई है। दूसरी तरफ आगरा कि जरुरत को अनदेखा कर भारत सरकार और प्रदेश सरकार हवाई अड्डे और उड़ान के नाम पर करोड़ों रूपए खर्च कर रही है। सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा इस अनियमता का विरोध करती है। आगरा के ताजमहल का महत्त्व जग जाहिर है। दुनिया में नामी ब्रांड, लोग, हर इम्पोर्टेन्ट कम्पटीशन की ट्रोफी आदि ताज के साये में आ कर फोटो खींचना चाहते हैं। फिर भी सरकार आगरा कि हवाई कनेक्टिविटी के लिये कॉस्मेटिक कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगरा के कोठी मीना बाजार की रैली के दौरान 2013 में आगरा और टूरिज्म के महत्त्व को जाना था और उस समय कि सरकारों पर तंज किया था, लेकिन चुनाव के बाद पीएम मोदी के वायदे भी धरे रह गये। सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा सरकार से अनुरोध करती है, विश्व प्रसिद्ध शहर के विकास पर भी ध्यान दें और सही दिशा में विकास करवाएं।
Published on:
09 Aug 2018 02:51 pm
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