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आॅक्सीजन मॉकड्रिल के मामले में पारस हॉस्पिटल को मिली क्लीन चिट, जांच कमेटी बोली नहीं मिले कोई सुबूत

locationआगराPublished: Jun 19, 2021 12:19:22 pm

Submitted by:

arun rawat

— आगरा के पारस हॉस्पिटल में आॅक्सीजन मॉकड्रिल को लेकर वायरल हुआ था वीडियो वायरल।

paras hospital

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आगरा। आॅक्सीजन मॉकड्रिल के मामले में जांच कमेटी ने पारस हॉस्पिटल को क्लीन चिट दे दी। मॉकड्रिल का वीडियो वायरल होने के बाद अस्पताल को सील किया गया था। संचालक समेत अन्य के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। मॉकड्रिल में 22 लोगों की मौत होने के आरोप लगे थे। डीएम ने बताया कि जांच में आॅक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत होने का कोई कारण सामने नहीं आया है।
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यह था पूरा मामला
आगरा के भगवान टाकीज स्थित श्री पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिन्जय जैन का 28 अप्रैल को वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में आॅक्सीजन बंद करने की मॉकड्रिल होने की बात सामने आई थी। इसमें 22 लोगों की मौत होने का मामला संज्ञान में आया था। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद डीएम प्रभु एन सिंह ने दो जांच कमेटियों को लगाया था। चार सदस्यीय एसएन चिकित्सकों की कमेटी ने 26 व 27 अप्रैल को श्री पारस अस्पताल में हुई मौतों का डेथ ऑडिट किया था। एडीएम सिटी की दो सदस्यीय कमेटी ने मृतकों के परिजनों के बयान दर्ज किए थे।
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संचालक को दी गई क्लीनचिट
सात जून को वायरल हुए वीडियो की शुक्रवार रात आई जांच रिपोर्ट में डॉ. अरिन्जय जैन को ऑक्सीजन बंद, मॉकड्रिल, 22 मरीज छंटनी जैसे आरोपों पर अघोषित क्लीनचिट दी गई है। डॉ. जैन को सिर्फ मरीजों को डिस्चार्ज करने और महामारी फैलाने के आरोप सिद्ध हुए हैं। प्रशासनिक जांच में मरीजों की मौत की वजह ऑक्सीजन की कमी नहीं हुई। वीडियो में डॉ. अरिन्जय जैन सुबह सात बजे मॉकड्रिल की बात कह रहे थे। डीएम ने बताया कि छह मृतक ऐसे हैं जिनकी मृत्यु का समय मॉकड्रिल के समय से मिल रहा है। जांच रिपोर्ट के मुताबिक 26 व 27 अप्रैल को मरने वाले 16 मरीजों की डेथ ऑडिट रिपोर्ट में 14 ऐसे मिले हैं जिन्हें पुरानी बीमारियां थीं। सिर्फ 2 मृतक ऐसे हैं जिन्हें कोई बीमारी नहीं थी। 16 मृतकों में 11 आगरा, दो मैनपुरी, दो फिरोजाबाद, एक इटावा से था। कुल नौ मृतक ऐसे थे जिन्होंने अस्पताल में भर्ती होने एक से पांच दिन में दम तोड़ दिया। डीएम ने बताया कि जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। जांच रिपोर्ट कई पन्नों की है। जिन लोगों ने शिकायत दर्ज कराई थी उन्हें डेथ समरी दी गई है।
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