
कोरोना को हराने की मिली उम्मीद, होम्योपैथिक दवा का मरीजों पर सफल परीक्षण, 5 से 7 दिनों में स्वस्थ हुए Covid-19 संक्रमित
आगरा. दुनियाभर में हाहाकार मचाने वाली कोविड-19 (Covid-19) महामारी के बीच ताजनगरी से एक अच्छी खबर सामने आयी है। यहां के नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर (Neminath Homoeopathic Medical College) ने कोरोनावायरस के सफल उपचार का दावा किया है। मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रदीप गुप्ता का कहना है कि होम्योपैथिक दवा के जरिए 40 लोगों पर सफल परीक्षण किया जा चुका है। ज्यादातर मरीज 5 से 7 दिनों में ही स्वस्थ हो गए।
पहले चरण में 42 लोगों पर परीक्षण
बता दें कि नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज को पांच मई को आईसीएमआर (ICMR) से परीक्षण के लिए अनुमति मिली थी। तीन महीने तक चलने वाले इस शोध में कुल 200 लोगों पर परीक्षण किया जाएगा। पहले चरण में टूंडला स्थित एफएच मेडिकल कॉलेज में भर्ती 42 कोरोना संक्रमितों पर इसका परीक्षण हो चुका है। इनमें से 40 मरीजों की रिपोर्ट आ चुकी हैं, दो की आना बाकी हैं। जिन पर परीक्षण किया गया उनकी उम्र 10 साल से 65 साल के बीच है। तैयार हुई दवा का नाम ब्रायोनिया एल्वा-200 व आर्सेनिक है। इनमें ब्रायोनिया एल्वा-200 ज्यादा प्रभावी साबित हुई है।
दो से तीन दिनों में गायब होने लगे कोरोना के लक्षण
नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज का दावा है कि अब तक जिन मरीजों को ये दवा दी गई है, उनमें दो से तीन दिन के अंदर ही वायरस के लक्षण गायब होने लगे और पांच से सात दिनों के अंदर वे पूरी तरह स्वस्थ होकर घर जाने लगे। किसी तरह के विवाद से बचने के लिए मेडिकल कॉलेज ने रोगियों का दो बार कोरोना टेस्ट कराया और दोनों बार रिपोर्ट नेगेटिव आयी। फिलहाल 40 मरीजोंं की रिपोर्ट आ चुकी है, दो की आना बाकी है।
डॉक्टरों ने दूसरे राज्यों में इलाज की जतायी इच्छा
दवा का परीक्षण सफल होने के बाद कॉलेज की ओर से एसएन मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और जिलाधिकारी को भी पत्र लिखकर होम्योपैथी दवा के जरिए कोविड मरीजों के इलाज की पेशकश की गई है। साथ ही सेंट्रल रिसर्च काउंसिल ऑफ होम्योपैथी को इसकी रिपोर्ट भेज दी गई है। जल्द ही आईसीएमआर को भी रिपोर्ट भेजी जाएगी। इसके अलावा नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने उन जगहों पर भी मरीजों के इलाज की इच्छा जताई है, जहां संक्रमण ज्यादा फैल चुका है। इसके लिए पत्र लिखकर अनुमति भी मांगी गई है। चिकित्सक अब दूसरे राज्यों के डॉक्टर्स को इसके लिए प्रशिक्षित करना चाहते हैं, ताकि देश से इस समस्या को पूरी तरह समाप्त हो जाएगा।
Published on:
23 May 2020 03:16 pm
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