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चैत्र नवरात्र: धन धान्य, निरोग जीवन और पारिवारिक सुख शांति के लिए नौ दिनों तक माता को लगाएं उनका पसंदीदा भोग…

  नवरात्र में नौ दिनों तक माता को पसंदीदा भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देकर पारिवारिक संकट दूर करती हैं।

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आगरा

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suchita mishra

Apr 05, 2019

navratri bhog

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शक्ति स्वरूप मातारानी का पावन पर्व नवरात्र कल यानी 6 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं और 14 अप्रैल को समाप्त होंगे। इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि नवरात्र में माता के अलग अलग स्वरूपों को पसंदीदा भोग लगाने से माता प्रसन्न होती हैं और आशीर्वाद देकर पारिवारिक संकट दूर करती हैं। जानिए किस दिन मां को कौन सा प्रसाद लगाना चाहिए।

मां शैलपुत्री
पहला दिन मां शैलपुत्री का है। मां का वाहन वृषभ है इसलिए उन्हें सफेद घी पसंद है। उन्हें इस दिन घी या घी से बनी चीजें अर्पित करने से रोग दूर होते हैं। गाय का घी अति शुभ है।

मां ब्रह्मचारिणी
दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए मिश्री, शक्कर या शक्कर से बनी चीजों का भोग लगाएं। माता प्रसन्न होकर लंबी आयु प्रदान करती हैं।

मां चंद्रघंटा
तीसरे दिन मां चंद्रघंटा को दूध चढ़ाएं या दूध से बने पकवानों का भोग लगाएं। मां चंद्रघंटा दुखों को दूर करती हैं।

मां कूष्मांडा
चौथे दिन मां कूष्मांडा का पूजन होता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए मालपूआ का भोग लगाएं। ये मां कूष्मांडा पसंदीदा भोग है। इससे बौद्धिक विकास होता है और निर्णय क्षमता बढ़ती है।

मां स्कंदमाता
पांचवे दिन मां स्कंदमाता का विधि विधान से पूजन कर केले का भोग लगाएं। प्रसाद लगाने के बाद इसे किसी ब्राह्रमण को दान कर दें। इससे बुद्धि तेज होती है।

मां कात्यायनी
छठे दिन मां कात्यायनी को शहद अति प्रिय है। उन्हें शहद का भोग लगाएं या प्रसाद में शहद का प्रयोग करें। मां कात्यायनी सुंदर रूप प्रदान करती हैं।

मां कालरात्रि
सातवें दिन मां कालरात्रि के लिए गुड़ का भोग लगाएं या गुड़ से बनी कोई चीज चढ़ाएं। उन्हें गुड़ अतिप्रिय है। इस दिन गुड़ ब्राह्रमण को दान करें, इससे घर के दुख दूर होते हैं। दरिद्रता खत्म होती है।

मां गौरी
आठवां दिन महागौरी का है। मां के इस रूप को हलवे का भोग लगाना चाहिए। साथ ही नारियल का भोग लगाएं। बाद में नारियल को सिर से घुमाकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें। इससे मनोकामना पूर्ण होती है।

मां सिद्धिदात्री
नवरात्र के आखिरी दिन माता के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है। इस दिन खीर पूड़ी, हलवा पूड़ी, काला चना, खीर और पूए आदि का भोग लगाएं। बाद में इस प्रसाद को गरीबों को बांटें। इससे जीवन में सुख शांति मिलती है। परिवार में धन की कमी नहीं रहती।