
Dhruva Jurail Selected in test teama Jurail Selected in test team
Dhruva Jurail Selected in test team: ध्रुव आगरा के पहले पुरुष खिलाड़ी हैं जो भारतीय टेस्ट टीम में शामिल हुए है। मेहनत और खेल के जुनून ने आगरा के सितारे ध्रुव जूरैल (Dhruv Jurail) को टेस्ट क्रिकेट के फलक का सितारा बना दिया। बृहस्पतिवार को राजकोट के सौराष्ट्र स्टेडियम में इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के लिए जब टीम की घोषणा हुई तो आगरा के हर खेल प्रेमी का दिल खुशी से झूम उठा। खेलने वाली टीम की सूची में अपने ध्रुव का नाम शामिल था। क्रिकेटर और कमेंटेटर दिनेश कार्तिक (Dinesh Kartik) ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट की कैप पहनाई। इसी के साथ यह भारत की टेस्ट टीम में खेलने वाले 312वें खिलाड़ी बन गए। राजकोट में उन्हें टेस्ट कैप पहनाई जा रही थी, इधर आगरा में उनके कोच परवेंद्र यादव और साथी खिलाड़ी खुशी में नाच रहे थे। दिनभर बधाई संदेश चलते रहे।
आगरा के बारे में अब तक लोगों की धारणा थी कि आगरा के क्रिकेटरों को यूपी की रणजी टीम (Ranji Team) तक भी कम मौके मिल पाते हैं भारतीय टीम की बात तो दूर है लेकिन ध्रुव जूरैल ने अब इस मिथ को तोड़ दिया है। ध्रुव आगरा के मूल खिलाड़ी हैं जिनका सफर आगरा से शुरू हुआ और लगातार यूपी से खेले और भारतीय टेस्ट टीम तक पहुंचे। आगरा से जुड़े दीपक चाहर और राहुल चाहर से भी आगे निकल गए ध्रुव जूरैल। भारत के लिए वनडे और टी-20 खेल चुके दीपक चाहर और राहुल चाहर को आज भी टेस्ट कैप पहनने का इंतजार है।
आपको बता दें भारतीय क्रिकेट में अब आगरा का एक युवा क्रिकेटर ध्रुव तारे की तरह चमक उठा है। क्रिकेट के सबसे अहम और सबसे बड़े संस्करण 'टेस्ट क्रिकेट' में आगरा के ध्रुव जूरैल का पदार्पण हो गया है। इंग्लैंड के खिलाफ राजकोट के निरंजन शाह क्रिकेट स्टेडियम में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में ध्रुव जूरैल को टेस्ट कैप पहनने का मौका मिला। विकेटकीपर बल्लेबाज ध्रुव जूरैल को दिनेश कार्तिक ने डेब्यू कैप पहनाई। 23 वर्षीय ध्रुव जूरैल के 15 फर्स्ट क्लास मैचों में 46.47 की औसत से 790 रन हैं। जिसमें एक शतक के ध्रुव जूरैल अब आगरा की क्रिकेट के सबसे बड़े खिलाड़ी और सबसे बड़े स्टार बन गए हैं।
आगरा के सफलतम क्रिकेटर्स की गिनती अब ध्रुव जूरैल से शुरू होगी। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में आगरा की लड़कियां तो पहले ही परचम लहरा चुकी हैं। हेमलता काला, प्रीति डिमरी, पूनम यादव और दीप्ति शर्मा टेस्ट क्रिकेटर है लेकिन पुरुष क्रिकेट में आगरा का एक लंबे समय से चला रहा इंतजार खत्म हो गया। ध्रुव जूरैल आगरा के पहले ऐसे क्रिकेटर बन गए जो टेस्ट क्रिकेट की दहलीज को पार करने में कामयाब रहे। ध्रुव के पिता नेमसिह जुरेल सेना में हवलदार पद से रिटायर्ड है। अपनी भांजी (ध्रुव को फुफेरी बहन) की शादी के लिए मथुरा गए हैं। बृहस्पतिवार को सुबह ही वह पत्नी रजनी देवी के साथ बांके बिहारी मंदिर पहुंच गए। वहां उन्होंने बेटे के चयन की मन्नत मांगी। पूजा कर जैसे ही बाहर निकले उन्हें ध्रुव ने फोन कर प्लेइंग 11 (Dhruva Jurail Selected in test team) में होने हो सूचना दी। उन्होने भगवान का शुक्र अदा किया और बहन के घर चले गए।
ध्रुव के माता-पिता ने बताया कि बेटे के चपन से पूरा परिवार बेहद खुश है। बृहस्पतिवार को बहन के घर भात चढ़ाने का कार्यक्रम है। सादों को खुशी दोगुनी हो गई है। चहन भी बहुत खुश है। बृहस्पतिवार को बेटा नहीं खेल पाया। शुक्रवार को उसे देश के लिए खेलता देखेंगे। उसकी बल्लेबाजी का बहुत बेसब्री से इंतजार है। पिता नेम सिंह ने बालगा कि ध्रुव के आलावा बड़ी विवाहित बेटी है। नेम स्सिंत्र भारतीय सेना से इचलदार के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। का अपने बेटे को भी सेना में भेजना चाहते थे। लेकिन ध्रुव क्रिकेटर चनना चाहते थे। टेस टीम में चयन होने पर ध्रुब घर से रवाना हो गए थे। इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे मैच में टेस्ट कैप पहनने के बाद इसको विडियो भी ध्रुष ने परिजन की भेजी। भारत का पांचवां विकेट गिरने के बाद कुलदीप यादव को नाइट बाचमेन के रूप में भेजने के कारण ध्रुव को बृहस्पतिवार को बल्लेबाजी क मौका नहीं मिला। शुक्रवार को यह बल्लनेबाजी और इंग्लैंड के बैटिंग करने के दौरान का विकेट कॉपिंग करते दिखाई देंगे।
टेस्ट मैच की पूर्व संध्या पर ध्रुव ने कहा था कि अगर मुझे इंडिया कैप (Indian Cricket team cap) मिलती है तो मैं इसे अपने पिता को समर्पित करना चाहूंगा क्योंकि वह मेरे हीरो हैं। जब भी मैं भ्रमित महसूस करता हूं तो मैं उनसे बात करता हूं। वह मेरा मार्गदर्शन करते हैं। वह मेरे हीरो हैं। वहीं आगरा में ध्रुव के कोच परवेंद्र यादव (स्प्रिंगडेल क्रिकेट अकादमी) ने बताया कि कल उनकी ध्रुव से बात हुई तो एक कोच के रूप में उन्होंने उसे सिर्फ यही कहा कि उसे अपना सौ प्रतिशत देना है। आगरा के क्रिकेट में उन्होंने इतिहास लिखा है अब उन्हें देश की क्रिकेट में इतिहास लिखना है। ध्रुव के पिता नेम सिंह जूरैल और मां रजनी देवी ने बताया कि बेटे के चयन से पूरा परिवार बेहद खुश है। बृहस्पतिवार को बेटा नहीं खेल पाया। उन्हें उम्मीद है कि शुक्रवार को उसे देश के लिए खेलता देखेंगे। ध्रुव से हमें एक लंबी पारी की आशा है।
कोरोना काल में जब सारे आयोजन बंद थे तब भी ध्रुव मैदान पर रखूच अभ्यास करता था। मैदान की सफाई से लेकर पिव तक खुद तैयार करता था। मैदान में कम लोग ही हुआ करते थे। अकेले पहले पिच तैयार करना और फिर अभ्यास काफी कठिन काम था। कोच परमेंद्र यादव ने बताया कि ध्रुव को बचपन से ही क्रिकेट का जुनून है। सदर स्थित स्प्रिंग डेल एकेडमी में घंटो प्रैक्टिस करता था। ध्रुव का घर एकेडमी के पास ही था। वह यहां वर्ष 2009 से प्रैक्टिस कर राध है। अभ्यास के बाद में बैडमिंटन खेलता था तो यह मैदान पर ही बैठ जाता था। जैसे हो मुझे थोड़ा भी सहलो देखता तो क्रिकेट से जुड़े टिप्स लेने लगता। उसके दिमाग में हर समय क्रिकेट हो चलता था।
*आगरा से प्रमोद कुशवाह की रिपोर्ट*
Published on:
16 Feb 2024 10:04 pm
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