
आगरा। बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का 6 दिसम्बर 1956 को दिल्ली में देहांत हो गया था। दिल्ली से उनके पार्थिव शरीर को मुम्बई ले जाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। लाखों की भीड़ बाबा साहब के अंतिम दर्शन के लिए उमड़ी थी। अंतिम संस्कार के बाद अस्थियों का वितरण किया गया, जिसका एक हिस्सा आगरा को भी मिला। हर वर्ष यहां अस्थि कलश दर्शन का विशेष कार्यक्रम होता है। सुबह बच्चों द्वारा प्रभातफेरी निकाली जाती है।
भदंत ज्ञानरत्न महाथेरो ने बताया कि तभी से हर वर्ष 6 दिसम्बर को बाबा साहब का परिनिर्वाण दिवस मनाया जा रहा है। सुबह 6 बजे से शाम पांच बजे तक अस्थि कलश को दर्शन के लिए रखा जाता है। आगरा के अलावा आस पास के क्षेत्रों के हजारों लोग दर्शन के लिए आते हैं। बाबा साहब को श्रद्धांजलि देते हैं। सुबह से ही धार्मिक अनुष्ठान शुरू हो गया। शांति पाठ हुआ, जिसके बाद भिक्षु संघ को संघ दान किया जाता है। यह क्रम अनावरत जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि देश ही नहीं विदेशों से भी जो लोग ताजमहल को देखने के लिए आते हैं, वे एक बार बौद्ध बिहार चक्कीपाट पर जरूर आते हैं।
Published on:
06 Dec 2019 03:22 pm
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