
atal bihari
आगरा। भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के बारे में अब ऐसे किस्से सामने आ रहे हैं, जो आपने सुने नहीं होंगे। इमरजेंसी के बाद जनता पार्टी का गठन हुआ। जनसंघ भी इसमें शामिल हुआ। अटल बिहारी वाजपेयी चाहते थे कि बाबू जगजीवन राम प्रधानमंत्री बनें, लेकिन बाबूजी ने ऐसी जिद कर दी कि वे प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गए थे। मोरारजी देसाई को प्रधानमंत्री बनाया गया था। बाबू जगजीवन राम रक्षामंत्री बनाए गए थे। 1979 में वे उपप्रधानमंत्री बने।
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कांशीराम को साथ लाना चाहते थे
1985 में हुई बातचीत को ताजा करते हुए सुभाष भिलावली ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी अनुसूचित जाति के भाजपा के साथ जोड़ने के लिए सदैव चिन्तित रहते थे। उन दिनों अनुसूचित जाति का का वोट कांग्रेस के खाते में था। अटल जी ने इसी कारण कांशीराम को जनसंघ के साथ आने का प्रस्ताव दिया था। वे मानते थे कि कांशीराम गरीब परिवार में पैदा हुए और योग्य हैं। भिलावली के अनुसार, 1985 में जब वे मुझे कार में लेकर एम्स जा रहे थे, तब मैंने उन्हें सूचना दी थी कि कांशीराम ने बहुजन समाज पार्टी का गठन कर लिया है। बहुजन समाज पार्टी उनके लिए अटपटा था, इस कारण दो बार बताना पड़ा। अनुसूचित जाति को भाजपा के साथ जोड़ने के उद्देश्य से ही मायावती को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाया, लेकिन धोखा खा गए।
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अटल सरकार में हमारी इज्जत होती
बातचीत के दौरान सुभाष भिलावली का दर्द कुछ इस तरह सामने आया-अगर आज अटल जी की सरकार होती तो हम जैसे लाखों लोगों की कुछ इज्जत होती। अब तो पार्टी में बाहर के लोग मजे मार रहे हैं। पहले अन्य दलों में हलवा खाया और अब भाजपा में खा रहे हैं। जाटवों और यादवों में किसी को नेता नहीं बनाया है। मायावती के सामने किसी को खड़ा करना होगा। आईएएस और आईपीएस को पद दिए जा रहे हैं, जो किसी काम के नहीं हैं। ये लोग पार्टी को एक वोट नहीं दिला सकते हैं। कल को कहीं और मलाई मिलेगी तो वहां चले जाएंगे।
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Updated on:
16 Aug 2018 05:26 pm
Published on:
16 Aug 2018 05:08 pm
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