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हिन्दुत्व की भावना को तोड़ने वाला है एससी-एसटी एक्ट में किया गया संशोधन, बदलना ही होगा

राम मंदिर बनाने और कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए भी संविधान संशोधन हो, एक्ट का समर्थन करने वालों का चुनाव में विरोध करेंगे, जनता जागती है तो सत्ता परिवर्तन होता है

आगराAug 29, 2018 / 06:49 pm

अभिषेक सक्सेना

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हिन्दुत्व की भावना को तोड़ने वाला है एससी-एसटी एक्ट में किया गया संशोधन, बदलना ही होगा

डॉ. भानु प्रताप सिंह/अभिषेक सक्सेना

आगरा। अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. सुमंत गुप्ता इस समय पूरे उत्तर प्रदेश के दौर पर हैं। वे केन्द्र सरकार द्वारा एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध कर रहे हैं, जिसमें तत्काल गिरफ्तारी का प्रावधान किया गया है। आगरा से बड़ा आंदोलन शुरू होने जा रहा है। इसकी तैयारी के लिए वे आगरा में आए। सर्वसमाज के साथ बैठक की। एससी-एसटी एक्ट के खतरों से सावधान किया। इस मौके पर उन्होंने पत्रिका से लम्बी बातचीत में केन्द्र सरकार को कोसा। कहा कि अगर सरकार एससी-एसटी एक्ट में संशोधन कर सकती है तो राम मंदिर बनाने और कश्मीर से धारा 370 हटाने के लिए भी संविधान में संशोधन करे। ऐलान किया कि हिन्दुत्व की भावना को तोड़ने वाले एससी-एसटी एक्ट में किए गए संशोधन को बदलना होगा। जब जनता जागती है तो सत्ता परिवर्तन होता है।
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त्रिकाः एससी-एसटी एक्ट में संशोधन का विरोध करके क्या सामाजिक ताना-बाना नहीं तोड़ रहे हैं?

सुमंत गुप्ताः वास्तव में समाज का ताना-बाना जोड़ने का काम सुप्रीम कोर्ट ने किया था। लेकिन सरकार ने जो संशोधित अध्यादेश पारित किया, उसने समाज की एकता और हिन्दुत्व की भावना पर तुषारापात किया है। यह एक्ट भाई को भाई से अलग करने का है। बिना जांच के जेल जाने का प्रावधान कर दिया है। यह तो केवल आपातकाल में था कि बिना अपील और बिना दलील के जेल भेजने का पुलिस को असीमित अधिकार दिया था। दुनिया के किसी भी देश में बिना जांच के किसी को जेल नहीं भेजा जाता था, लेकिन अपने यहां किया गया है। लोगों ने नोटबंदी की तानाशाही, जीएसटी की तानाशाही, आरक्षण में प्रोन्नति को भी झेला। विरोध नहीं किया। अब सिर के ऊपर से पानी निकल गया है। अब हम आने वाली संतति को संदेश देना चाहते हैं कि अन्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठाएंगे तो उत्पीड़न होगा। जो लोग भ्रष्टाचार की बात करते थे, वे आज भ्रष्टाचार के पोषक हो गए हैं।
पत्रिकाः यह आंदोलन पूरे देश में होगा या केवल यूपी में है?

सुमंत गुप्ताः आंदोलन की तैयारी अभी केवल यूपी में है। हम दिल्ली भी जा रहे हैं। वहां भी अभियान को प्रारंभ करेंगे। चुनाव के आने तक ये चिनगारी कोई न कोई रूप लेगी। जिन नेताओं ने सर्वसम्मति से इस एक्ट को पारित किया है, उनका विरोध करेंगे और उन्हें चुनाव में हराने में सर्वसमाज के सहयोग से महती भूमिका होगा।
पत्रिकाः एससी-एक्ट के बहाने क्या आप भारतीय जनता पार्टी के विरोध में नहीं उतर आए हैं।

सुमंत गुप्ताः नहीं। हमारा किसी पार्टी से विरोध नहीं है। भाजपा, सपा, कांग्रेस किसी का विरोध नहीं है। उस एक्ट का है, जिन्होंने सर्वसम्मति से पार किया है। हम उस समय नहीं बोले जब राजनीतिक दलों ने अपने लिए विदेश से धन आने की जांच नहीं होने का अध्यादेश पारित किया। हमारी (व्यापारी) कोई एंट्री न हो तो छापा पड़ता है। इसका आशय यह है कि कुछ लोग मिल जाएंगे तो देश में कुछ भी करेंगे। राम मंदिर के लिए कहते हैं कि बहुमत नहीं हैं, लेकिन एससी-एसटी एक्ट के लिए संशोधन क्यों कर लिया? इसका मतलब है कि सुप्रीम कोर्ट का कोई महत्व नहीं है। अगर एसपी हरिजन है और उसने रिपोर्ट लिखा दी तो डीएम बचने वाले नहीं है। ये हालत पूरे देश की होने वाली है। सत्ता में बैठने वाले लोग हमेशा नहीं रहेंगे। जाति पोषक वाला काम प्रारंभ किया है। सीमा पर तैनात जवान भी नहीं बचने वाला है। पूरे देश को तोड़ने की साजिश की गई है।
पत्रिकाः आपके साथ कितने व्यापारी हैं?

डॉ. सुमंत गुप्ताः सर्वसमाज साथ है। केवल व्यापारी या ठाकुरों की बात नहीं हो रही है। हम उस पीड़ित की आवाज उठा रहे हैं, जो वकील नहीं कर पाता है। यह आंदोलन केवल आगरा तक सीमित नहीं रहेगा। बड़ा रूप लेगा।
पत्रिकाः क्या आंदोन केवल आगरा में है?

डॉ. सुमंत गुप्ताः 30 अगस्त को उत्तर प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर कार्यक्रम है।

पत्रिकाः आप देशव्यापी आंदोलन की बात कर रहे हैं, तो राजस्थान में आपके संगठन की क्या स्थिति है?
डॉ. सुमंत गुप्ताः हम अभी प्रदेश के अधार पर बात नहीं कर रह हैं। अभी तो आंदोलन को आगे बढ़ाने का काम है। हमारी कोशिश है कि इस अभियान को प्रगति मिले। जब आंदोलन चलता है तो शुरू में कम लोग होते हैं। अन्ना हजारे और लोकनायक जयप्रकाश नारायण का आंदोलन चला तो देश में सत्ता परिवर्तन हुआ। सरकार ने भयमुक्त समाज का नारा दिया था और एससी-एसटी एक्ट भय को पैदा करने वाला है। लोकतंत्र की मर्यादा को तोड़ने वाला है। अगर हमें जेल ही जाना है तो तीन सितम्बर को जन्माष्टमी पर जेल भेज दीजिए हम सबको। हम भी ‘जेल चलो’ नारा दे सकते हैं एक्ट के विरोध में।
पत्रिकाः आप सरकार को चुनाती दे रहे हैं?

डॉ. सुमंत गुप्ताः हम सरकार को चुनौती नहीं दे रहे हैं। तमान कानून बनते हैं और वापस होते हैं। यह कोई ब्रह्मा ने नहीं लिखा है जो परिवर्तित नहीं होगा। 100 से अधिक बार संविधान में संशोधन हो चुका है। फिर होगा। ये नहीं करेंगे तो आने वाली परिस्थितियां मजबूर करेंगी।
पत्रिकाः आप व्यापरियों के बड़े नेता हैं। अधिकांश व्यापारी भाजपा का समर्थक हैं। इसी का परिणाम है कि यहां कम संख्या में लोग आए हैं?

डॉ. सुमंत गुप्ताः यहां कम लोग बुलाए गए थे। एक बात और है जब आंदोलन शुरू होता है तो शुरुआत में कम संख्या में लोग आते हैं। गांधी ने पदयात्रा की तो थोड़े से लोग थे। दिहुली कांड के विरोध में अटलजी की पदयात्रा में 50 लोग शामिल थे। केवल वोट की भावना से एससी-एसटी एक्ट लाया गया है, हम उसका विरोध कर रहे हैं।
पत्रिकाः कलेक्ट्रेट में अगर एक्ट के समर्थक आ गए तो क्या होगा?

डॉ. सुमंत गुप्ताः दोनों अपनी बात कहें। संघर्ष नहीं चाहते हैं। जिला प्रशासन देखे।

पत्रिकाः देशव्यापी आंदोलन कब तक होगा?
डॉ सुमंत गुप्ताः जल्दी होगा। 15 दिन हो गए हैं। धीरे-धीरे होगा। ये काम जल्दबाजी का नहीं है।

पत्रिकाः क्या आपने किसी सांसद से बात की है?

डॉ सुमंत गुप्ताः हमें क्या जरूरत है। चुनाव का समय आ रहा है वे स्वयं आएंगे।
पत्रिकाः क्या तख्ता पलटने वाला है?
डॉ. सुमंत गुप्ताः आने वाला चुनाव दो मुद्दों पर होगा। जाति और धर्म। जो भारी पड़ेगा, उसकी जीत होगी।

पत्रिकाः क्या आप कोर्ट जा रहे हैं एक्ट में संशोधन कराने के लिए?
डॉ. सुमंत गुप्ताः हम नहीं गए हैं, हमारे भाई गए हैं। एक्ट में संशोधन के लिए नई याचिका दायर की गई है। पूर्व की याचिका पर सुनवाई चल रही है। सरकार ने उस पर फैसला नहीं आने दिया और पहले ही संशोधन कर दिया। राम मंदिर के लिए न्यायपालिका में विचाराधीन होने की बात करते हैं और यह भी तो विचाराधीन है। फिर तो राम मंदिर और धारा 370 के लिए भी कर दीजिए संशोधन।

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