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मामला थाना सदर क्षेत्र का है। यहां के रहने वाले रोहित अग्रवाल की सुल्तानपुरा रोड आगरा कैंट पर वीके मोबाइल एंड कंम्प्यूटर के नाम से दुकान है। रोहित अग्रवाल ने बताया कि वह आगरा में मोबाइल कंपनी का सबसे बड़ा डीलर माना जाता है। सबसे अधिक सेल करने पर उसे कंपनी ने सम्मानित किया और प्रार्थी का इन्सेटिव बढ़ा दिया। बस यही बात कंपनी के कुछ अधिकारियों को नहीं पची और रोहित अग्रवाल से अवैध वसूली के लिए दबाव बनाया जाने लगा।
मामला थाना सदर क्षेत्र का है। यहां के रहने वाले रोहित अग्रवाल की सुल्तानपुरा रोड आगरा कैंट पर वीके मोबाइल एंड कंम्प्यूटर के नाम से दुकान है। रोहित अग्रवाल ने बताया कि वह आगरा में मोबाइल कंपनी का सबसे बड़ा डीलर माना जाता है। सबसे अधिक सेल करने पर उसे कंपनी ने सम्मानित किया और प्रार्थी का इन्सेटिव बढ़ा दिया। बस यही बात कंपनी के कुछ अधिकारियों को नहीं पची और रोहित अग्रवाल से अवैध वसूली के लिए दबाव बनाया जाने लगा।
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रोहित अग्रवाल द्वारा दी गई तहरीर में साफ कहा गया है कि मोबाइल कंपनी के यूपी स्टेट हैड डेविड यांग, मार्केटिंग मैनेजर आगरा डोरिंग यांग, मैनेजर राहुल सिंह और विशाल राघव मैनेजर सिटी आगरा ने उससे 50 हजार रुपये प्रतिमाह देने की मांग की। इंकार करने पर उसका नुकसान करने की धमकी देने लगे। इसके बाद षडयंत्र के तहत उसकी बिलिंग रुकवा दी और रोहित अग्रवाल को माल देना बंद कर दिया।
रोहित अग्रवाल द्वारा दी गई तहरीर में साफ कहा गया है कि मोबाइल कंपनी के यूपी स्टेट हैड डेविड यांग, मार्केटिंग मैनेजर आगरा डोरिंग यांग, मैनेजर राहुल सिंह और विशाल राघव मैनेजर सिटी आगरा ने उससे 50 हजार रुपये प्रतिमाह देने की मांग की। इंकार करने पर उसका नुकसान करने की धमकी देने लगे। इसके बाद षडयंत्र के तहत उसकी बिलिंग रुकवा दी और रोहित अग्रवाल को माल देना बंद कर दिया।
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रोहित अग्रवाल ने बताया कि जिसके कारण उसकी बिलिंग रोकी गई, उसके साक्ष्य मांगे, तो उसकी बिलिंग तो शुरू करा दी, लेकिन उससे नाजायज लाभ की मांग करने लगे और दोबारा धमकी दी, कि यदि उनकी बात नहीं मानी, तो फिर उसको फंसा दिया जाएगा। इसके बाद उसको फिर से फंसा दिया गया। उस पर आरोप लगाया गया कि उसके यहां के मोबाइल पुणे में बिक्री हुए हैं। इस षडयंत्र में उसे फंसाकर कंपनी से मिलने वाला करीब 1.25 लाख का उसका इन्सेटिव रुकवा दिया गया। व्यापार में हुई इस हांनि से उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई, जिसके बाद उसने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
रोहित अग्रवाल ने बताया कि जिसके कारण उसकी बिलिंग रोकी गई, उसके साक्ष्य मांगे, तो उसकी बिलिंग तो शुरू करा दी, लेकिन उससे नाजायज लाभ की मांग करने लगे और दोबारा धमकी दी, कि यदि उनकी बात नहीं मानी, तो फिर उसको फंसा दिया जाएगा। इसके बाद उसको फिर से फंसा दिया गया। उस पर आरोप लगाया गया कि उसके यहां के मोबाइल पुणे में बिक्री हुए हैं। इस षडयंत्र में उसे फंसाकर कंपनी से मिलने वाला करीब 1.25 लाख का उसका इन्सेटिव रुकवा दिया गया। व्यापार में हुई इस हांनि से उसकी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई, जिसके बाद उसने पुलिस की शरण ली। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।