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आगरा में हर साल मराठी रिति-रिवाज से मनाई जाती है गणेश चतुर्थी, जानें क्यों

यूपी के आगरा जिले में हर साल गणेश उत्सव को महाराष्ट्र के रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हैं। ऐसा 39 सालों से होता आ रहा है। इन 10 दिनों में विघ्नहर्ता की पूजा होती है।

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आगरा

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Jyoti Singh

Sep 06, 2022

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इस समय पूरे देश में गणेश उत्सव की धूम है। लोग अपने-अपने घरों में बप्पा की मूर्ति को ला रहे हैं और उनकी पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इसी कड़ी में यूपी के आगरा जिले में भी गणेश उत्सव को धूमधाम से मनाया जा रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं? यहां करीब 150 से 200 मराठी समाज के लोग हैं जो हर साल गणेश उत्सव को महाराष्ट्र के रीति-रिवाजों के अनुसार मनाते हैं। ऐसा 39 सालों से होता आ रहा है। इन 10 दिनों में विघ्नहर्ता की पूजा होती है। अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर भगवान गणेश की विशाल मूर्ति को स्थापित किया जाता है। ये पूरा आयोजन शहर के एमएम गेट क्षेत्र स्थित मिलन वाटिका में किया जाता है।

महाराष्ट्र की तर्ज पर गणेश उतसव का आयोजन

बता दें कि आगरा में मराठी समाज के लोगों ने ही महाराष्ट्र की तर्ज पर गणेश उत्सव का आयोजन करना प्रारंभ किया था। करीब 39 साल पहले महाराष्ट्र से कुछ लोग आगरा में आकर बस गए थे। वर्तमान में करीब 150 से 200 परिवार ऐसे हैं जो आगरा में हर साल महाराष्ट्र की तर्ज पर गणेश उतसव का आयोजन करते हैं और मराठी रीति-रिवाज के साथ 10 दिनों तक बप्पा की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दौरान सभी लोग पारंपरिक परिधान भी पहनते हैं।

महिलाएं मराठी गानों पर करती हैं लोक नृत्य

गौरतलब है कि गणेश स्थापना के चौथे व पांचवें दिन महिलाएं रिद्धि-सिद्धि की पूजा करती हैं। इस मौके पर महिलाएं एक-दूसरे को हल्दी कुमकुम लगाती हैं। वहीं गणेश भगवान को अलग.अलग दिन अलग-अलग मिष्ठान का भोग लगाया जाता है। हर दिन लोक गीत भी गाए जाते हैं। वहीं महिलाएं मराठी परिधान पहन कर आती हैं और मराठी गानों पर लोक नृत्य भी करती हैं।