गुरुवार को घर घर और मंदिरों में गणपति की प्रतिमाएं विधि विधान से स्थापित की गईं। 13 से 23 सितंबर तक गणेश चतुर्थी की धूम रहेगी। 19 सितंबर को बल्केश्वर महादेव मंदिर से शिव बारात निकाली जाएगी।गणेशोत्सव के लिए पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंधित की गई हैं। एडीएम सिटी केपी सिंह ने आदेश जारी किया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत पीओपी की मूर्तियां ना खरीदें, इसमें केमिकल होते हैं। यमुना में विसर्जन करने से प्रदूषण होता है। इसकी जगह मिटटी की मूर्तियां ही खरीदें, विसर्जन के लिए यमुना घाट पर कुंड बनाए जाएंगे साथ ही मिटटी की प्रतिमाओं की पूजा अर्चना के बाद विसर्जन करने वालों को संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए मजिस्ट्रेट कार्यालय और संबंधित थाने में मिटटी की मूर्ति का ब्योरा दे सकते हैं।
आगरा में महाराष्ट्र समाज द्वारा पिछले 80 वर्षो से परंपरागत आयोजन किया जा रहा है। होटल ग्रांड, आगरा कैंट में 13 से 16 तक Ganesh Chaturthi का उत्सव होगा। पहले दिन मूर्ति स्थापना संग कीर्तन होगा। 14 को सांस्कृतिक कार्यक्रम और 15 को संगीत लहरी होगी। 16 को मूर्ति विसर्जन होगा। महाराष्ट्र समाज के अध्यक्ष अभय पोताड़े ने कहा कि समाज के लोग अपने घरों में मिट्टी की मूर्तियां स्थापित करेंगे। विसर्जन घर में टब में होगा। मूर्ति पानी में घुलने पर उसे बगीची में डाल दिया जाएगा। मिट्टी के गणेश करेंगे पौधा उत्पन्न
आगरा में पर्यावरण संरक्षण के लिए एकेसी संस्था ने पहल की है। साईं डेकोरेटर्स द्वारा बीजयुक्त गणेश प्रतिमा की बिक्री की जा रही है। जिसे घर में ही विसर्जित किया जा सकता है। गणेश प्रतिमा में कुछ बीज डाले गए हैं। प्रतिमा की मिट्टी को बगीचे या गमले में डालने के बाद पौधा आ जाएगा। ये गणेश प्रतिमा लोगों की पसंद बनी हुई है।