
Hariyali Amavasya
11 अगस्त को Hariyali Amavasya है। 14 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है, जब सावन में शनिवार के दिन ये अमावस्या है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक इससे पहले वर्ष 2004 में ऐसा मौका आया था जब हरियाली अमावस्या शनिवार के दिन पड़ी थी। भगवान भोलेनाथ के प्रिय माह में शनिवार और अमावस्या का साथ बेहद शुभ माना जाता है। ऐसे में इसे शनिश्चरी हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है। हरियाली अमावस्या के दिन पौधे लगाना बेहद शुभ माना जाता है। पीपल, बरगद, आंवला आदि तमाम पेड़ पौधे लगाने के अलग अलग मायने होते हैं। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र से जानिए हरियाली अमावस्या के महत्व और किस पेड़ को लगाने से जीवन पर क्या असर पड़ता है।
Hariyali Amavasya के महत्व को समझें
हरियाली का मतलब प्रकृति के संरक्षण से है। प्रकृति के संरक्षण के लिए पेड़ पौधों की आवश्यकता है। इसलिए इस त्योहार के दिन हरियाली यानी पेड़ पौधों का पूजन किया जाता है। चूंकि पीपल में त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों का वास है, इसलिए पीपल के वृक्ष का पूजना करने की विशेष मान्यता है। हरियाली अमावस्या के लिए पेड़ लगाने का भी विशेष महत्व है।
हर पौधे की अलग मान्यता
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र के मुताबिक हरियाली अमावस्या के दिन तमाम प्रकार के पेड़ लगाने के अलग अलग मायने हैं।
1. धन प्राप्ति के लिए तुलसी, आंवला, केला और बेल का पौधा लगाएं।
2. संतान चाहते हैं तो बेल, पीपल, अश्वगंधा व गुड़हल का पौधा लगाएं।
3. पारिवारिक सुख व समृद्धि के लिए नीम, आम व ऐसे पौधे लगाएं जो वृक्ष बनकर लोगों को छाया दें।
4. सौभाग्य प्राप्ति के लिए नारियल, बरगद, अशोक व अर्जुन का पेड़ लगाएं।
शनिवार के दिन दान पुण्य का महत्व
चूंकि इस बार हरियाली अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है, ऐसे में इस दिन गरीबों और असहायों को दान पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। इससे शिव कृपा तो प्राप्त होती ही है, साथ ही शनिदेव भी प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा पीपल के वृक्ष के नीचे शाम को सरसों के तेल का दीपक जलाएं। काले कुत्ते को सरसों के तेल का परांठा खिलाएं।
Updated on:
10 Aug 2018 11:03 am
Published on:
06 Aug 2018 11:09 am
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