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Hariyali Teej 2018: इच्छित वर पाने के लिए कुंवारी कन्या और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए महिलाएं रखें व्रत

जानें कब है Hariyali Teej, क्यों महिलाएं रखती हैं व्रत, क्या है व्रत विधि व महत्वदिन के महत्व के बारे में।

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आगरा

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suchita mishra

Aug 05, 2018

Hariyali teej

Hariyali Teej 2018

आगरा। महिलाओं का लोकप्रिय त्योहार Hariyali teej आने में बस कुछ ही दिन शेष रह गए हैं। 13 अगस्त को हरियाली तीज है। इस त्योहार को हर साल श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं भोलेनाथ और पार्वती माता का पूजन करती हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से उनके पति की आयु बढ़ती है और उनका वैवाहिक जीवन सुखद रहता है। वहीं कुंवारी कन्या यदि माता का पूजन करें तो उन्हें मनभावन पति प्राप्त होता है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र बता रहे हैं हरियाली तीज के महत्व, पूजा विधि व शुभ मुहुर्त के बारे में।

Hariyali Teej भोलेनाथ माता पार्वती से प्रसन्न हुए थे
हरियाली तीज को लेकर एक कथा प्रचलित है। कथा के अनुसार भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए माता पार्वती ने वर्षों तक कठिन तप किया था। तीज के दिन भगवान शिव ने प्रसन्न होकर माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। इसके बाद दोनों का विवाह हुआ। जब भोलेनाथ माता पार्वती के तप से प्रसन्न हुए तो उन्होंने कहा कि इस दिन जो भी स्त्री निष्ठाा से व्रत रखेगी उसका वैवाहिक जीवन हमेशा सुखद रहेगा और पति को लंबी आयु मिलेगी। तब से इस दिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए भगवान शिव और पार्वती का पूजन व व्रत करती हैं। कुंवारी लड़कियां अच्छे पति के लिए ये पूजन व व्रत करती हैं।

ये है शुभ मुहुर्त
इस बार हरियाली तीज 13 अगस्त को सोमवार के दिन पड़ रही है। इसका शुभ मुहूर्त: सोमवार सुबह 08:36 से प्रारंभ होकर 14 तारीख कर सुबह 05 बजकर 45 मिनट तक रहेगा। सुबह 08:36 के बाद महिलाएं पूजन करें। पूजन के लिए सबसे पहले महिलाएं स्नान कर नए वस्त्र पहनें। उसके बाद व्रत या पूजन का संकल्प लें। उसके बाद माता पार्वती को सिंदूर आदि लगाकर धूप जलाएं और हरियाली तीज की कथा पढ़ें। चावल और बेसन की मिठाई बनाकर भोग लगाएं। भोग के चार हिस्से कर एक खुद लें, एक सास को दें, एक गाय को खिलाएं व एक किसी कन्या या पंडित को दे दें। इस दिन निर्जला व्रत का काफी महत्व है। लेकिन अगर स्वास्थ्य सही नहीं है तो फलाहार ले सकते हैं। चंद्रमा को देखकर व्रत खोलें।

मेहंदी लगाने का चलन
आपने देखा होगा कि हरियाली तीज पर मेहंदी लगाने का चलन है। दरअसल इस दिन महिलाएं खूब श्रंगार करती हैं। मेहंदी को सुहाग की निशानी माना जाता है इसलिए इसे हाथों में लगाने का चलन है।