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जीएसटी की मार से रंग कारोबार हुए फीके

दुकादार कर रहे खरीदारी का इंतजार, 15 प्रतिशत जीएसटी लगी है रंग के कारोबार पर

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आगरा

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Abhishek Saxena

Feb 26, 2018

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आगरा। रंगोत्सव शुरू हो चुका है। महज चार दिन बचे हैं। लेकिन, रंगों पर लगा जीएसटी ग्राहकों से दूरी बढ़ा रहा है। रंग कारोबारियों को इंतजार है कि होली का त्योहार ठीक ठाक मन सके। पिछले साल नोटबंदी उसके बाद जीएसटी के चलते व्यापारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रंग कारोबारियों का कहना है कि इस बार जीएसटी के चलते करोड़ों रुपये का नुकसान झेलना पड़ रहा है।

GST की वजह से बेरंग हुए होली के रंग, फीका पड़ा कारोबार

18 प्रतिशत लगा है जीएसटी, पहले था पांच प्रतिशत
रंग कारोबारी नीरज अग्रवाल का कहना है कि पहले रंग पर पांच प्रतिशत का टैक्स था। लेकिन, जीएसटी लगने के चलते अब रंग, गुलाल व अन्य होली के सामान 10 से 18 प्रतिशत महंगा हो गया है। जिसकी वजह से रंगों का कारोबार पिछली बार की अपेक्षा कम हुआ है। उन्होंने बताया कि रंग कारोबारियों ने जीएसटी काउंसिल से दर को कम किये जाने की मांग की है। कारोबारियों की माने तो रंगों की क्वालिटी बेहतर है लेकिन, जीएसटी के चलते रंग गुलाल और अबीर की बिक्री पर असर पड़ रहा है। आगरा के आस पास बनने वाले रंग अरारोट और स्टार्च से बनाने की वजह से रंग हानिकारक नहीं होते हैं। होली का त्योहार आते ही हाथरस में रंगों का कारोबार आसमान छूने लगता है, लेकिन जीएसटी की वजह से मंदी है। क्योंकि टैक्स ज्यादा लगने पर व्यापारियों को महंगा पड़ रहा है।

होली के लिए बाजारों में आया हाथरस का रंग गुलाल
होली के त्योहार के लिए आगरा में हाथरस का रंग बड़ी मात्रा में बिक्री के लिए आता है। हाथरस के रंग कारोबार पर भी जीएसटी की मार पड़ रही है। हाथरस में रंग कारोबारी जीएसटी को कम करने की मांग कर रहे हैं।

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