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सिगनापुर में भी शनि शिलारूप में, प्रतिमा नहीं है यह कहना है कि कचहरीघाट निवासी पंडित रवि शर्मा का। उन्होंने पत्रिका को बताया कि लोग एकदूसरे की देखादेखी शनि मंदिर में जा रहे हैं। रास्ते में पड़ने वाले शनि मंदिरों में मत्था टेक रहे हैं। मुझे लगता है कि शनि प्रतिमाएं ज्यादा होनी ही नहीं चाहिए। पूरे हिन्दुस्तान में शनिदेव का एक ही मंदिर है और वह सिगनापुर में है। वहां भी शनि शिला रूप में हैं, मूर्ति नहीं है। इसका कारण यह है कि शनि को वरदान है कि जो भी शनि की दृष्टि में आ जाता है, वह काला हो जाता है।
सिगनापुर में भी शनि शिलारूप में, प्रतिमा नहीं है यह कहना है कि कचहरीघाट निवासी पंडित रवि शर्मा का। उन्होंने पत्रिका को बताया कि लोग एकदूसरे की देखादेखी शनि मंदिर में जा रहे हैं। रास्ते में पड़ने वाले शनि मंदिरों में मत्था टेक रहे हैं। मुझे लगता है कि शनि प्रतिमाएं ज्यादा होनी ही नहीं चाहिए। पूरे हिन्दुस्तान में शनिदेव का एक ही मंदिर है और वह सिगनापुर में है। वहां भी शनि शिला रूप में हैं, मूर्ति नहीं है। इसका कारण यह है कि शनि को वरदान है कि जो भी शनि की दृष्टि में आ जाता है, वह काला हो जाता है।
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सोने की लंका काली क्यों हुई उन्होंने बताया कि जब हनुमानजी लंका गए तो शनि, रावण के पैरों तले दबा हुआ था। शनि ने हनुमान जी से मुक्ति की प्रार्थना की। इस पर हनुमान जी ने कहा कि मैं तुम्हें मुक्त करूंगा और मुझे देखोगे तो मैं काला हो जाऊंगा। इस पर शनि ने कहा कि मैं लंका की ओर देखूंगा। यही कारण है कि जब हनुमानजी ने लंका जलाई तो वह काली पड़ गई थी। लंका सोने की थी और सोना जब अग्नि में तपाया जाता है तो वह कुंदन बन जाता है, काला नहीं पड़ता है। यही कारण है कि शनि के सामने कभी खड़ा नहीं होना चाहिए।
सोने की लंका काली क्यों हुई उन्होंने बताया कि जब हनुमानजी लंका गए तो शनि, रावण के पैरों तले दबा हुआ था। शनि ने हनुमान जी से मुक्ति की प्रार्थना की। इस पर हनुमान जी ने कहा कि मैं तुम्हें मुक्त करूंगा और मुझे देखोगे तो मैं काला हो जाऊंगा। इस पर शनि ने कहा कि मैं लंका की ओर देखूंगा। यही कारण है कि जब हनुमानजी ने लंका जलाई तो वह काली पड़ गई थी। लंका सोने की थी और सोना जब अग्नि में तपाया जाता है तो वह कुंदन बन जाता है, काला नहीं पड़ता है। यही कारण है कि शनि के सामने कभी खड़ा नहीं होना चाहिए।
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शनि मूर्ति पर तेल न चढ़ाएं पंडित रवि शर्मा ने बताया कि आज लोगों ने शनि की प्रतिमाएं बना ली हैं। उसकी पूजा करते हैं, तेल चढ़ाते हैं। यही कारण है कि आज समाज में व्यभिचार हो रहा है, दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। केवल शनि शिला या लोहे की पत्ती पर तेल चढ़ाना चाहिए। शनि की दृष्टि के सामने तेल नहीं चढ़ाना चाहिए। शनि अच्छे हैं तो उनका नग धारण करें न कि उनके नाम पर दान करें।
शनि मूर्ति पर तेल न चढ़ाएं पंडित रवि शर्मा ने बताया कि आज लोगों ने शनि की प्रतिमाएं बना ली हैं। उसकी पूजा करते हैं, तेल चढ़ाते हैं। यही कारण है कि आज समाज में व्यभिचार हो रहा है, दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। केवल शनि शिला या लोहे की पत्ती पर तेल चढ़ाना चाहिए। शनि की दृष्टि के सामने तेल नहीं चढ़ाना चाहिए। शनि अच्छे हैं तो उनका नग धारण करें न कि उनके नाम पर दान करें।