इजिप्ट के 10 दिवसीय दौरे पर कई चिकिसकीय पद्धतियों का अध्ययन कर भारत लौटने के बाद फोग्सी की पूर्व अध्यक्ष एवं इसार की अध्यक्ष डॉ. जयदीप मल्होत्रा ने बताया कि देश में महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर एक नई शुरुआत करने की गई है। स्त्री एवं प्रसूति क्षेत्र हो, टेस्ट ट्यूब बेबी या महिलाओं से जुड़ीं सामान्य-असमान्य समस्याएं, दुनिया भर में इस पर काम हो रहा है। किसी एक देश में कोई एक तकनीक विकसित हुई है तो किसी दूसरे देश को किसी और तकनीक में महारथ हासिल है। ऐसे में हमारा मानना है कि चिकित्सा क्षेत्र में विकसित हो रहीं इन तकनीकों का संबंधित देश तक सीमित रहना ही काफी नहीं है। इसका लाभ दूसरे देशों को भी पहुंचना चाहिए। यही वजह है कि फोग्सी, इसार और इस्पात जैसे संगठनों ने फॉरेन मेडिकल एकेडमिक एजूकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम पर जोर दिया है। इस समझौते की रूपरेखा बनाने और इसे आगे बढ़ाने में फोग्सी इंटरनेशनल एक्सचेंज कमेटी की चेयरपर्सन डॉ. वर्षा वाष्णेय का विशेष योगदान रहा। इस कार्यक्रम के तहत भारत के डॉक्टर इजिप्ट जाकर और इजिप्ट के डॉक्टर भारत आकर इलाज की नई तकनीकों का शिक्षण-प्रशिक्षण प्रोफेशनली एवं कम्युनिकेशन के माध्यम से करेंगे। आने वाले दिनों में स्त्री एवं प्रसूति क्षेत्र में अन्य देशों के साथ भी यह समझौता किया जाएगा।
फोग्सी की पूर्व अध्यक्ष डा. साधना देसाई ने बताया कि इंटरनेशनल मेडिकल एकेडमिक एजूकेशन एक्सजेंच प्रोग्राम की शुरुआत इजिप्ट से की गई है। यहां 29 सितंबर से 07 अक्टूबर 2019 तक इजिप्ट कायरा यूनिवर्सिटी में आयोजित हिस्टेरोस्कोपिया, एआरटीस्कोपिया ऑन द नाइल सम्मेलन में इजिप्ट कायरा यूनिवर्सिटी की डीन डॉ. हलाला और डॉ. ओसामा शाॅकी के साथ यह समझौता किया गया है, जिसके तहत महिला स्वास्थ्य और आईवीएफ के क्षेत्र में तकनीकी ज्ञान का आदान-प्रदान और मेडिकल छात्रों के शिक्षण-प्रशिक्षण का काम होगा। न सिर्फ भारत के चिकित्सक और मेडिकल छात्र इजिप्ट जाएंगे बल्कि इजिप्ट के दल भी भारत आएंगे। इसी तरह आने वाले दिनों में अमेरिका और नेपाल सहित तमाम देशों के साथ वहां होने वाले चिकित्सकीय सम्मेलनों के अंतर्गत यह समझौता किया जाएगा।
फोग्सी के पूर्व अध्यक्ष एवं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नरेंद्र मल्होत्रा ने बताया कि भारत और इजिप्ट के बीच हुए इस अंतरराष्ट्रीय मेडिकल एजूकेशन एक्सचेंज प्रोग्राम के गवाह 100 भारतीय चिकित्सक भी बने। सभी ने अपनी-अपनी राय रखी। सम्मेलन में 100 चिकित्सकों ने भारत का तो 100 चिकित्सकों ने इजिप्ट का प्रतिनिधित्व किया। 10 दिवसीय दौरे के पहले चार दिन इजिप्ट का इतिहास जानने के साथ ही उससे जुड़ीं पुरानी चिकित्सा पद्धतियों को जानने की कोशिश की गई। इसके बाद सम्मेलन के अंतर्गत हिस्टेरोस्कोपी, लेप्रोस्कोपी और टेस्ट ट्यूब बेबी सहित तमाम विषयों पर व्याख्यान चले।